नोटिस मिलने के बाद तरुण भनोट ने लॉकडाउन का हवाला दिया था. उन्होंने सीएम शिवराज को चिट्ठी भी लिखी थी. कांग्रेस ने बीजेपी पर भी आरोप लगाए कि जो विधायक मंत्री नहीं हैं वे भी मंत्रियों के बंगलों में रह रहे हैं.
Trending Photos
भोपाल: भोपाल की सबसे पॉश और वीआईपी कॉलोनी चार इमली में पूर्व मंत्री तरुण भनोत का सरकारी बंगला सील पर सियासत तेज हो गई है. नोटिस मिलने के बाद पूर्व मंत्री का बी-16 नंबर के बंगले को सील कर दिया था. हालांकि नोटिस मिलने के बाद तरुण भनोट ने लॉकडाउन का हवाला दिया था. उन्होंने सीएम शिवराज को चिट्ठी भी लिखी थी. कांग्रेस ने बीजेपी पर भी आरोप लगाए कि जो विधायक मंत्री नहीं हैं वे भी मंत्रियों के बंगलों में रह रहे हैं.
तरुण भनोत ने सीएम शिवराज को लिखी थी चिट्ठी
बंगला खाली करने के नोटिस पर तरुण भनोट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था, उन्होंने लिखा था, ''मैं कोरोना के चलते जबलपुर में हूं, इसलिए खाली नहीं कर पाया हूं. साथ ही विधानसभा का सदस्य हूं और मुझे भोपाल में कोई भी बंगला अलॉट नहीं हुआ है. ऐसे में मैं अपना सामान कहां रखूंगा.''
कांग्रेस ने लगाए आरोप-बीजेपी में शामिल होने वालों को नहीं मिले नोटिस
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार से पहले ही पूर्व मंत्रियों के बंगले खाली कराने का नोटिस जारी कर रही है. कांग्रेस का आरोप है कि कांग्रेस में जो पूर्व मंत्री थे उनको बंगला खाली कराने का नोटिस जारी नहीं किया है, जो बीजेपी में शामिल हुए है.
पूर्व मंत्री तरुण भनोट का सरकारी बंगला सील, नोटिस मिलने के बाद भी नहीं कर रहे थे खाली
इन पूर्व मंत्रियों को मिला बंगला खाली करने का नोटिस
तरुण भनोत, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, बृजेंद्र सिंह राठौर, ओमकार सिंह मरकाम, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पांसे, उमंग सिंगार, पीसी शर्मा, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, सचिन यादव और सुरेंद्र बघेल को नोटिस जारी हुआ है.
6 महीने का मिलता है समय
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया कि हमें सरकारी बंगले का शौक नहीं है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान रियायत देनी चाहिए. नियमानुसार 6 महीने तक का वक्त देने के प्रावधान है. चौधरी ने ये भी कहा कि बीजेपी सरकार में कई ऐसे विधायक हैं, जो मंत्री नहीं होने के बावजूद मंत्री की हैसीयत वाले बंगले में रह रहे हैं. भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव, कृष्णा गौर, सुरेंद्र पटवा, विश्वास सारंग जैसे तमाम नेता अभी भी उसी बंगले में रह रहे हैं, जो उन्हें मंत्री रहते अलॉट किया गया था.
बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने जवाब दिया है कि नियम-कानून का सामना सभी को करना होगा, लेकिन संवेदनहीनता के साथ कोई काम नहीं किया जा रहा है.
क्या था मामला
गृह विभाग के अंतर्गत संपदा संचालनालय ने दो नोटिस जारी करने के बाद पीडब्ल्यूडी के अमले को बंगले की साफ-सफाई के निर्देश दिए थे. इसी कार्यवाही के तहत ये अमला यहां पहुंचा तो बंगला पर ताला लगा था. इसके बाद संचालनालय से प्राधिकृत अधिकारी और तहसीलदार प्रीति श्रीवास्तव को भेजा गया. जिन्होंने बंगले को सील करने की कार्यवाही की. प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि नियमानुसार दो नोटिस भेजे गए थे.