भोपाल: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को देश के 11 राज्यों में 100 से अधिक जगहों पर छापेमारी की. यह छापेमारी बैंक धोखाधड़ी के 30 से अधिक मामलों में 3700 करोड़ से अधिक धनराशि को लेकर की गई. इसे लेकर विभिन्न पब्लिक सेक्टर बैंक की ओर से शिकायतें दर्ज कराई गई थीं. जिसमें राजधानी भोपाल के भी दो बैंक (बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक) शामिल हैं. दोनों बैंकों द्वारा 200 करोड़ रुपए के घोटाले की शिकायत सीबीआई से की गई थी. 


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सीबीआई के अधिस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भोपाल के बैंक ऑफ बड़ौदा से ज्योति पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड के संचालक कमलेश और संजय नेमानी ने 196 करोड़ रुपए का लोन लिया था. इन दस्तावेजों की जांच के बाद सीबीआई ने अहमदाबाद में 4 और राजकोट में 1 ठिकाने पर छापेमारी की है. जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक से सिद्धपाल सिंह भदौरिया की कंपनी ने प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 4 करोड़ का लोन लिया था. पैसे नहीं जमा करने पर इंडियन ओवरसीज बैंक ने इसकी शिकायत सीबीआई से की थी. जिसको लेकर गुरुवार को सिद्धपाल सिंह भदौरियां के भोपाल और निवाड़ी में आवास पर छापेमारी की गई. 


सीबीआई की तरफ से इन शहरों में की गई छापेमारी
मामले में आईओबी, यूबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, एसबीआई, आईडीबीआई, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आदि बैंक शामिल हैं. मामले को लेकर सीबीआई की तरफ से जिन शहरों में छापेमारी की गई है, वे कानपुर, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, त्रिपुर, हैदराबाद, जयपुर, श्रीगंगानगर, भोपाल, निवाड़ी, करनाल, अहमदाबाद, सूरत, राजकोट शामिल हैं.


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लोन को एनपीए में बदलने के आरोप में हुई छापेमारी
जानकारी के मुताबिक सीबीआई की तरफ से यह कार्रवाई लोन को एनपीए में बदलने के आरोप में की गई है. बैकों की तरफ से शिकायत में कहा गया है कि लोन के बाद डिफॉल्टर्स के खाते को चालू कर दिया गया है, जिसके चलते लोन नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) बन गए हैं. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सीबीआई द्वारा बैंकों के नुकसान की भरपाई करवाने की कोशिश की जा रही है. इस संबंध में सीबीआई को डिजिटल दस्तावेज भी मिले हैं. 


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