जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ के जवान चक्रपाणि तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है.परिजनों ने बीएसएफ कमांडेंट के ऊपर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा चक्रपाणि तिवारी की हत्या की गई है. परिजनों को बहकाने के लिए कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर डेड बॉडी नहीं दी जा रही है.
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रीवा: जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ के जवान चक्रपाणि तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है.मृतक चक्रपाणि तिवारी मध्य प्रदेश के रीवा जिले का रहने वाला था. मौत के बाद जवान के परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. परिजनों का आरोप है कि कोरोना संक्रमित बताकर उन्हें मृतक की डेड बॉडी तक नहीं दी गई.
परिजनों का कहना है कि 29 सितंबर के दिन उन्हें सेक्टर से सूचना दी गई की चक्रपाणि तिवारी को गोली लगी है. इसके बाद उन्हें ये बताया गया कि उसकी मौत हो गई है. साथ ही ये भी कहा गया कि कोरोना पॉजिटिव होने के कारण शव को परिवार के सुपुर्द नहीं किया जा सकता.
अब परिजनों ने बीएसएफ कमांडेंट के ऊपर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा चक्रपाणि तिवारी की हत्या की गई है. परिजनों को बहकाने के लिए कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर डेड बॉडी नहीं दी जा रही है.
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बता दें कि बीएसएफ का जवान रीवा के बिछिया थाना लक्ष्मणपुर का रहने वाला था. वह जम्मू-कश्मीर के राजौरा सेक्टर में पदस्थ था. बताया जा रहा है कि बीते दिनों बीएसएफ के एक अफसर से चक्रपाणि की झड़प हो गई थी. इसी विवाद में कुछ ऐसी स्थितियां निर्मित हुई जिसके कारण चक्रपाणि तिवारी को अपनी जान गंवानी पड़ी. चक्रपाणि का एक ऑडियों भी मिला है जिसमें वह अपने किसी बीएसएफ के साथी से फोन पर पूरी घटना की जानकारी दे रहा है.
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