Unique Wedding: आज हम आपको शादी के एक ऐसे परंपरा के बारे में बता रहे हैं, जहां शादी की शुरुआत शराब पीने से होती है. इतना ही नहीं यहां दुल्हन और उसकी मां खुद अपने हाथों से दुल्हे को शराब पिलाती है. जिसके बाद शादी की रस्म शूरू की जाती है.
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Bizzare News: भारत में शादी की रस्म बहुत धूमधाम और मौज-मस्ती के साथ मनाई जाती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग रिवाजों (customs) के साथ शादी की परंपरा (tradition) निभाई जाती है. शादी की कुछ रस्में तो ऐसी होती है, जिसे सुनकर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है. शादी के इन्हीं रिवाजों में से आज हम आपको एक ऐसे रस्म के बारे में बता रहे हैं, जिसे सुनकर आप हैरान ही नहीं बल्कि चौंक जाएंगे. आइए जानते हैं इस अनोखे (unique) रिवाज के बारे में...
दरअसल हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा जिले की, जहां बैगा-आदिवासियों के विवाह जहां दुल्हन की मां दुल्हे को शराब पिलाकर शादी के रस्म की शुरुआत करती है. ऐसा बताया जाता है कि सांसु मां के शराब पिलाने के बाद दुल्हन भी अपने हाथों से दुल्हे राजा को शराब पिलाती है और फिर दुल्हा भी दुल्हन को शराब पिलाता है. इसके बाद शादी के सभी रस्मों का जश्न मनाया जाता है.
पूरा परिवार करता है शराब का सेवन
इतना ही नहीं बैगा-आदिवासी समाज में शादी के दौरान सास द्वारा दामाद को शराब पिलाने के बाद खुद- दुल्हा दुल्हन एक दूसरे और शराब पिलाते है. इसके बाद पूरा परिवार इसका सेवन करता है. इसके बाद से पूरे धूमधाम से शादी की रस्म का निर्वहन किया जाता है.
मातम में भी पीते हैं शराब
शराब बुरी चीज है. शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों में कई लोग इससे कोसों दूर रहते हैं. लेकिन बैगा-आदिवासियों का समुदाय इससे पूर तरह हट के है. इस समुदाय के लोग न सिर्फ शादी में ही शराब का सेवन करते हैं बल्कि मातम के समय भी किए जानें वाले क्रिया कर्म में मदिरा का सेवन करते हैं. ये लोग सिर्फ महुए से बनी शराब का इस्तेमाल करते हैं.
दहेज प्रथा पर रोक
आपको बता दें कि कवर्धा जिले के बैगा-आदिवासी समाज के लोग शआदी में किसी तरह के लेनदेन नहीं करते हैं. ना ही किसी प्रकार के गिफ्ट भी दिए जाता हैं. यानी कि यहां दहेज प्रथा नहीं है. यहां कि शादी में ना कोई डेकोरेशन होता है और ना ही कोई पंडित होता है.
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