छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन, देश-विदेश के कलाकारों ने जीता लोगों का दिल
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छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन, देश-विदेश के कलाकारों ने जीता लोगों का दिल

छत्तीसगढ़ में 1 से 3 नवंबर तक आयोजित हुए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन हो गया. कार्यक्रम के आखिरी दिन देश-विदेश के कलाकारों ने लोगों का खूब मनोरंजन किया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कलाकारों को सम्मानित किया. 

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन, देश-विदेश के कलाकारों ने जीता लोगों का दिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का अब समापन हो गया. आयोजन के आखिरी दिन देश-विदेश के कलाकारों ने एक साथ मंच साझा किया, तीन दिवसीय महोत्सव में बड़ी संख्या में आदिवासी कलाकारों ने अपनी कला और संस्कृति को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया. फसल कटाई की श्रेणी में प्रथम स्थान पर छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को, दूसरे स्थान पर ओडिशा के ढेंगसा नृत्य को और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को पुरस्कृत किया गया. तो वहीं विवाह संस्कार एवं अन्य श्रेणी में पहला स्थान सिक्किम को, दूसरा स्थान ओडिशा को और तीसरा स्थान झारखंड को मिला. विशेष ज्यूरी सांत्वना सम्मान असम और गुजरात को मिला. इसके अलावा विदेश से आये कलाकारों का भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सम्मान किया. 

लोक नृत्यों की हुई रंगारंग प्रस्तुतियां 
पुरुस्कार वितरण के बाद देश के साथ-साथ विदेशों से आये कलाकारों का नृत्य हुआ, आदिवासी कलाकारों ने अपनी संस्कृति और लोक नृत्य की झलक पेश की है. खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है, लेकिन गुलाबी ठंड के बीच राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आए लोग देर रात तक जमे रहे हैं. गीत, संगीत और नृत्य ने अतिथियों को कार्यक्रम में डटे रहने के लिए मजबूर किया. आदिवासी कलाकारों ने नृत्य के जरिए पूरे कार्यक्रम में समां बांध दिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम का पूरा लुत्फ उठाया.  इस दौरान देश-विदेश से आए आदिवासी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी है. 

रसियन दल ने वरेन्का नृत्य के साथ शानदार शुरुआत की, इस नृत्य के जरिए रूसी संस्कृति को प्रस्तुत किया गया. रशियन कलाकारों ने गालिया और कोसेंग सूट नृत्य की प्रस्तुति दी. कोसेंग नृत्य विजय के बाद अपनी परंपरा और शौर्य को दर्शाने के लिए किया जाता है. रशियन कलाकारों ने प्रेम, संगीत, परिधान और परंपरा चारो एक ही डांस में और शारीरिक संतुलन का अद्भुत प्रदर्शन किए. आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सिक्किम के कलाकारों द्वारा तमांग सेलो नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गयी. पारंपरिक अवसर और अनुष्ठानों में किये जाने वाले इस नृत्य से दर्शकों में उत्साह भर दिया. टोगो से आये कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर अनोखी प्रस्तुति दी. 

फसल कटाई में छत्तीसगढ़ को पहला स्थान 
फसल कटाई के अवसर पर किए जाने वाले श्रेणी में छत्तीसगढ़ के जिस नृत्य दल को करमा नृत्य को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ उसकी प्रस्तुति देखकर दर्शको में उत्साह दिखा. फ्यूजन डांस में देश-विदेश के कलाकारों के साथ संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के साथ साथ जनप्रतिनिधियों ने बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाना में जमकर नाचे. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में करीब 4 हजार किलोमीटर दूर सर्बिया से आये कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य कौशल को देख दर्शक काफी उत्साहित हुए. सर्बिया के कलाकार ट्रेडिशनल डांस का प्रदर्शन किए. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022 में अंतिम प्रस्तुति के रूप में मोजांबिक के कलाकार अपनी सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी. बता दें कि छत्तीसगढ़ में तीन दिन तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य का कार्यक्रम आयोजित किया गया था.

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