Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ने अब नक्सलवाद से सख्ती से निपटने की तैयारी कर ली है. इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कैबिनेट ने राज्य में एक एजेंसी के गठन का फैसला लिया है, जो केंद्र सरकार की NIA की तरह काम करेगी.
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Chhattisgarh News: देश में आतंकवाद के खात्मे के लिए काम करने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए राज्य जांच एजेंसी (SIA) का गठन किया जाएगा. राजधानी रायपुर में बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया. यह एजेंसी छत्तीसगढ़ में आतंकवाद, नक्सलवाद और वामपंथी उग्रवाद जैसे विशेष मामलों में जल्द और प्रभावी जांच का काम करेगी. SIA राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ समन्वय के लिए राज्य की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, SIA के लिए एक पुलिस अधीक्षक समेत 74 नए पदों बनाए गए हैं. राज्य सरकार जल्द ही एक बेहद तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति की घोषणा कर सकती है, जो इस टीम का नेतृत्व करेंगे. सूत्रों के मुताबिक नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले से काम कर रहे अफसरों को जांच एजेंसी में प्राथमिकता दी जाएगी.
"स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (S.I.A.) का होगा गठन"
कैबिनेट की बैठक में हमने छत्तीसगढ़ राज्य में आतंकवाद, नक्सलवाद, वामपंथी उग्रवाद जैसे विशेष मामलों, प्रकरणों में त्वरित एवं प्रभावी अनुसंधान एवं अभियोजन के लिए राज्य इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एस.आई.ए.) के गठन का निर्णय लिया है।
यह… pic.twitter.com/NCQg9PS43a
— Vishnu Deo Sai (Modi Ka Parivar) (@vishnudsai) March 6, 2024
आए दिन होते हैं नक्सली हमले
दशकों से नक्सल समस्या से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय सरकार के फैसले को अभूतपूर्व माना जा रहा है. राज्य में बस्तर जैसे अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में आए दिन हमलों में सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों की जान चली जाती है. हालांकि, छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद से निपटने के लिए अन्य तरीके भी अपनाएं हैं, जिसके तहत नक्सलियों के बहकावे में आए लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है.
सरकार चला रही कई अभियान
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति, लोन वराटू और सुकमा पुलिस की ओर से चलाये जा रहे "पूना नर्कोम अभियान" (नई सुबह -नई शुरुआत) जैसे कई अभियान चलाए जा रहे हैं. इनके जरिए कई नक्सली हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं. दूसरी ओर नक्सलियों से निपटने के लिए SIA का गठन भी कर रही है.