कवर्धा में जिस बात पर हुआ था दंगा, उसी जगह 13 आखाड़ों के महामंडलेश्वर ने फहराया 108 फीट ऊंचा भगवा झंडा
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कवर्धा में जिस बात पर हुआ था दंगा, उसी जगह 13 आखाड़ों के महामंडलेश्वर ने फहराया 108 फीट ऊंचा भगवा झंडा

कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर 108 फीट ऊंचे खंभे पर भगवा ध्वज लहराया गया. ध्वजारोहण के बाद कवर्धा के पीजी कॉलेज में एक धर्म सभा का भी आयोजन किया गया. 

कवर्धा में जिस बात पर हुआ था दंगा, उसी जगह 13 आखाड़ों के महामंडलेश्वर ने फहराया 108 फीट ऊंचा भगवा झंडा

कवर्धा: कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर 108 फीट ऊंचे खंभे पर भगवा ध्वज लहराया गया. ध्वजारोहण के बाद कवर्धा के पीजी कॉलेज में एक धर्म सभा का भी आयोजन किया गया. जिसमें देश भर से आए साधु संतों ने सभा को संबोधित किया. बता दें कि कवर्धा में श्री शंकराचार्य जनकल्याण न्यास के द्वारा कवर्धा के सहसपुर लोहारा नाका चौक में आज 108 फीट ऊंचे स्तंभ पर भगवा ध्वजारोहण का कार्यक्रम रखा गया था. इस आयोजन में शामिल होने 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर संत महात्मा और शंकराचार्य के प्रतिनिधि गण दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी कवर्धा पहुंचे हुए थे.

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राम मंदिर से निकली कलश
ध्वजारोहण के लिए स्थानीय राम मंदिर से कलश व शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें सभी साधु संत और शहरवासी भारी संख्या में शामिल हुए. शोभा यात्रा कलश यात्रा मंदिर से निकलकर लोहारा नाका चौक पहुंची. जहां स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद व अन्य संतों की उपस्थिति में विधिवत पूजा के पश्चात 108 फीट ऊंचे स्तंभ पर विशाल भगवा ध्वज लहराया गया. इस मौके पर शहर व अन्य स्थानों से पहुंचे भीड़ पहुंची हुई थी. जो इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने पहुंचे हुए थे. 

शौर्य दिवस पर भी जुटी थी भीड़
गौरतलब है कि 6 दिसंबर को शौर्य दिवस के मौके पर भी शहर में हिंदू महासभा ने भव्य आयोजन किया था. शहर के मुख्य मार्ग सहित सभा स्थल को केसरिया ध्वज से पटा दिया था. वहीं दो माह पहले झंडा विवाद के बाद कवर्धा शहर कर्फ्यू लगाना पड़ा था. हिंसा की आग दो समुदायों के बीच फैल गई थी. ऐसे में फिर से शहर में शांति बनी रहे इसके लिए 3 बटालियन से कमांडेड, 9 जिलों के एडिशनल SP और 15 DSP समेत कुल 1 हजार से अधिक जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी.

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दो संप्रदायों में हुआ था विवाद
बता दें कि तीन अक्टूबर को कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर दो गुटों में झंडा हटाने और लगाने को लेकर विवाद हुआ था, इसके बाद दो युवकों के बीच लाठी-डंडे और चाकू भी चले थेय इस घटना ने ऐसा रूप लिया कि दो संप्रदायों के बीच विवाद बढ़ गया. पांच अक्टूबर को पूरे कवर्धा में हिंसक झड़प भी हुई. फिर कवर्धा में कई दिनों तक कर्फ्यू भी लगाया गया था.

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