मां की ममता ने अपने बच्चे को मौत होने के दो दिनों बाद भी अपने से अलग नहीं होने दिया. मां बच्चे की मौत हुई तो अंतिम संस्कार करने की जगह बच्चे की लाश लिए 2 दिन तक बैठी रहीं. बच्चे की मौत का मामला जब पुलिस को मिला तो उसके बाद बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया.
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गौतम सरकार/कांकेर: मां की ममता ने अपने बच्चे को मौत होने के दो दिनों बाद भी अपने से अलग नहीं होने दिया. मां बच्चे की मौत हुई तो अंतिम संस्कार करने की जगह बच्चे की लाश लिए 2 दिन तक बैठी रहीं. बच्चे की मौत का मामला जब पुलिस को मिला तो उसके बाद बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया. ये मार्मिक घटना कांकेर (kanker) के मलांजकुड़ूम गांव में देखने को मिली. यहां एक मंदबुद्धी मां को यह तो पता था कि उसका बच्चा मर चुका है लेकिन उसकी ममता ने उसे दो दिन तक सीने से लगाए रखा.
दरअसल मां अपने बच्चे को लेकर कभी अपने गांव में तो कभी जंगलों में भटकती रही. जब इसकी खबर कांकेर पुलिस को मिली तो उसने मौके पर पहुंचकर मृत बच्चे को उससे अलग किया. इसके बाद बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया. साथ ही मां को भी सखी सेंटर भेजा ताकि वहां उसकी देख रेख हो सके. इस पूरी घटना में सबसे चौंकाने वाली बात है कि महिला को उसके ससुराल मुरागांव में किसी ने सहायता नहीं की. हालांकि वह अपने ससुराल के गांव मलांजकुडुम कैसे पहुंची, इस बाबत वह कुछ बता नहीं पा रही है क्योंकि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.
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महिला की मानसिक हालत ठीक नहीं
पुलिस ने जब महिला से पूछताछ की तो उसने अपना नाम मनसू गावड़े (22 साल) बताया. महिला अपने पति का नाम लक्ष्मण गावड़े निवासी मुरागांव थाना कोरर बता रही है. पुलिस के अनुसार महिला मंदबुद्धी है, जिससे वे कई सवालों का जवाब नहीं दे पाई और पिछले कुछ दिनों से इसी तरह यहां वहां भटक रही है. जब पुलिस ने उसके बच्चे को छुड़ाया तो वह मृत था. बहरहाल कांकेर पुलिस द्वारा नगरपालिका की सहायता से बच्चे की अंत्येष्ठि की गई है. साथ ही मनसिक विक्षिप्त महिला को सखी सेंटर भेज दिया गया है.