जीत गई जिंदगी! 104 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया राहुल, एंबुलेंस से बिलासपुर रवाना
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जीत गई जिंदगी! 104 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया राहुल, एंबुलेंस से बिलासपुर रवाना

ऑपरेशन राहुल सफल हो गया है और सेना और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों ने राहुल को सुरक्षित बोरवेल से निकाल लिया है. राहुल की हालत स्थिर बताई जा रही है और उसे एंबुलेंस से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल रवाना कर दिया गया है. 

जीत गई जिंदगी! 104 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया राहुल, एंबुलेंस से बिलासपुर रवाना

जांजगीर चांपाः आखिरकार जिंदगी जीत गई, सेना के जवानों, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की मेहनत और मां बाप और परिजनों की दुआओं का ही असर रहा कि राहुल को सुरक्षित बोरवेल से निकाल लिया गया है. बता दें कि राहुल 10 जून को बोरवेल में गिरा था और 104 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. फिलहाल राहुल को एंबुलेंस से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया है. 

सांप-मेंढक थे राहुल के साथी
वहीं राहुल के सुरक्षित निकाले जाने पर जांजगीर चांपा के कलेक्टर ने खुशी जाहिर की और बताया कि यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए चट्टानों का सीना चीरना पड़ा. कलेक्टर ने इस अभियान की सफलता के लिए भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम को बधाई दी. कलेक्टर ने खुलासा करते हुए बताया कि बोरवेल में राहुल के साथ एक सांप और एक मेंढक भी फंसे हुए थे. हालांकि उन्होंने ये बात लोगों से छिपाकर रखी थीं. 

सीएम बघेल ने किया ट्वीट
राहुल के सुरक्षित बाहर निकलने पर सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है. ट्वीट में सीएम बघेल ने लिखा कि "माना कि चुनौती बड़ी थी. हमारी टीम भी कहां शांत खड़ी थी. रास्ते अगर चट्टानी थे तो इराते हमारे फौलादी थे. सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है."

राहुल को बचाने का ऑपरेशन कितना मुश्किल था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राहुल के सुरक्षित बाहर आने पर एनडीआरएफ के कर्मी मीडिया से बात करते-करते भावुक दिखाई दिए. बच्चे को सुरक्षित निकालने की खुशी में वह भावुक दिखाई दे रहे थे. इस तरह का यह देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बताया जा रहा है. बोरवेल में फंसे होने के चलते बीते 5 दिनों से लगातार सीसीटीवी कैमरों से राहुल पर नजर रखी जा रही थी, लगातार उससे बात की जा रही थी.

राहुल को बचाने के लिए रास्ते की चट्टानों को ड्रिलिंग मशीन से ना काटकर हाथों से तोड़ा गया. इसके बाद हाथों से ही मिट्टी को हटाया गया. इस तरह जवान राहुल तक पहुंचे. इसके बाद रस्सी और स्ट्रेचर के सहारे राहुल को खींचकर बाहर निकाला गया. विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम के साथ फिलहाल उसे बिलासपुर के अपोलो अस्पताल भेजा गया है. वहीं अपोलो अस्पताल को अलर्ट पर रखा गया है ताकि राहुल के इलाज में किसी तरह की देरी या लापरवाही ना हो. 

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