Chhattisgarh election 2023: पद्मश्री उषा बारले बीजेपी में हुई शामिल, अब विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी!
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Chhattisgarh election 2023: पद्मश्री उषा बारले बीजेपी में हुई शामिल, अब विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी!

छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध पंडवानी गायिका और पद्मश्री से सम्मानित डॉ उषा बारले आज बीजेपी में शामिल हो गई.  इस दौरान मनसुख मांडविया के साथ-साथ लोकसभा सांसद विजय बघेल राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और अन्य नेता भी मौजूद थे.

Chhattisgarh election 2023: पद्मश्री उषा बारले बीजेपी में हुई शामिल, अब विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी!

दुर्ग: छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध पंडवानी गायिका और पद्मश्री से सम्मानित डॉ उषा बारले आज बीजेपी में शामिल हो गई. भारत सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के सामने उषा बारले ने पहले उन्हें राखी बांधी और फिर विधिवत बीजेपी का दुपट्टा ओढ़ कर बीजेपी में शामिल हो गई.

बता दें कि इस दौरान मनसुख मांडविया के साथ-साथ लोकसभा सांसद विजय बघेल राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और अन्य नेता भी मौजूद थे. उषा बारले ने भी ज़ी मीडिया के संवाददाता हितेश शर्मा से बात करते हुए कहा है कि उन्हें जहां से भी मौका मिलेगा वे चुनाव लड़ेंगी और जीत के भी आएगी.

मांडविया ने कहा कि पद्मश्री उषा बारले के बीजेपी में आने से बीजेपी को मजबूती मिलेगी. आपको बता दें कि महज 7 साल की उम्र से पंडवानी गाने वाली गायिका ऊषा बारले को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किया था. दुर्ग के भिलाई की रहने वाली उषा बारले लगभग 45 साल से पंडवानी गा रही हैं. अब तक देश के साथ साथ करीब 12 से ज्यादा देशों में उषा ने अब तक अपनी पंडवानी की विधा दिखाइ है.

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आने वाले चुनाव में होंगी प्रत्याशी!
आपको बता दें कि उषा बारले अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं. तो वहीं दुर्ग जिले में अहिवारा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. फिलहाल अहिवारा से उषा बारले को टिकट देने की संभावना भी बन चुकी है. कयास लगाए जा रहे है कि उषा बारले अहिवारा से बीजेपी की विधानसभा प्रत्याशी हो सकती है.

आखिर पंडवानी है क्या? 
दरअसल पंडवानी गायिका महाभारत की कहानी को छतीसगढ़ी में कहने की एक विधा है. जिसमे गाने और श्लोकों के साथ पूरी कहानी बताई जाती है. ऊषा ने पंडवानी का प्रशिक्षण प्रख्यात पंडवानी गायिका एवं पद्म विभूषण तीजन बाई से प्राप्त किया है.उन्होंने लंदन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में पंडवानी की प्रस्तुति दी है. पंडवानी के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से गुरु घासीदास सामाजिक चेतना पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. 

रिपोर्ट - हितेश शर्मा

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