Narmadapuram News: आज सोमवती अमावस्या है. कड़ाके की ठंड के बावजूद सोमवार को अमावस्या पर्व का संयोग होने से श्रद्धालु सुबह से ही पवित्र नदियों में डुबकी लगा रहे हैं. आज की सोमवती अमावस्या का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि अगले डेढ़ साल तक सोमवती अमावस्या का पर्व नहीं आएगा. श्रद्धालुओं को सोमवती स्नान के लिए वर्ष 2026 तक इंतजार करना पड़ेगा.
नर्मदापुरम के विश्व प्रसिद्ध नर्मदा सेठानी घाट समेत सभी घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु मां नर्मदा में स्नान कर रहे हैं. दरअसल, आज पौष अमावस्या सोमवार को पड़ने के कारण काफी महत्वपूर्ण हो गई है, इसीलिए पवित्र नदियों में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है.
इसे स्नानदान का पर्व कहा जाता है. इसके साथ ही पितरों को जल अर्पित करने के लिए भी यह दिन विशेष माना जाता है. सोमवती स्नान पर्व का अवसर लंबे अंतराल के बाद आता है.
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और साथ ही पितृ दोष भी कम होता है.
हिंदू पुराणों के अनुसार, युद्ध के बाद पांडवों को सोमवती अमावस्या पर स्नान करने के लिए कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा था. सोमवती अमावस्या वर्ष में एक या कभी-कभी दो बार पड़ती है. लेकिन आज सोमवार को पड़ने वाली पौष अमावस्या ने विशेष महत्व प्राप्त कर लिया है.
बता दें कि जब भी अमावस्या तिथि सोमवार को पड़ती है तो सोमवती अमावस्या योग बनता है. इस दिन को बहुत खास माना जाता है. इस दिन स्नान और दान करना बहुत शुभ माना जाता है.
वर्ष में ऐसा बहुत कम ही अवसर आता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो. सोमवती अमावस्या को स्नान का पर्व माना जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करना भी विशेष शुभ और फलदायी माना जाता है.
वर्ष में ऐसा बहुत कम ही अवसर आता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो. सोमवती अमावस्या को स्नान का पर्व माना जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करना भी विशेष शुभ और फलदायी माना जाता है.
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