Jagdalpur News: जगदलपुर बस्तर (Bastar) में कई किसान जागरुकता की कमी के कारण प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhanmantri Fasal Bima Yojana) का लाभ नहीं ले रहे हैं. विभाग लगातार इसका प्रचार कर रहा है. लेकिन, ये समझ नहीं आ रहा है कि अभियान में कोई कमी है या किसान (Farmers) इसे सीरियस नहीं ले रहे हैं.
अनूप अवस्थी/जगदलपुर। जागरूकता की कमी के चलते बस्तर में किसान बीमा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. बस्तर (जगदलपुर) जिले में कृषि विभाग अभी तय लक्ष से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना करने में काफी पीछे हैं. इसका कारण किसानों में जागरुकता की कमी है.
बस्तर जिले में 26 हजार 784 किसान खरीफ की फसल ले रहे हैं. किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिल सके इसके लिए बीमा कराने का लक्ष्य तय किया गया है. लेकिन, विभाग की कोशिशों के बावजूद भी केवल एक चौथाई किसानों ने ही फसल बीमा करवाया है.
नई व्यवस्था के तहत बीमा राशि का 2% प्रीमियम किसानों को जमा करना होता है. लेकिन, अधिकतर किसानों को इसकी जानकारी नहीं है. विभाग जागरुकता अभियान तो चला रहा है. लेकिन, किसानों को इसकी कोई खासी जानकारी नहीं है.
खरीफ फसल 2023 के लिए जिन फसलों को अधिसूचित किया गया है उसमें धान सिंचित व असिंचित मक्का कोदो कुटकी रागी सोयाबीन मूंगफली अरहर जैसी फसलें शामिल है.
सहकारी बैंक के अधिकारियों ने बताया कि जो किसान बैंक से पैसे लेकर धान सहित अन्य फसलों की खेती करते हैं. उसमें से 5 फीसदी लोगों को ही बीमा का लाभ मिलता है. विभाग की कोशिश होती है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को बीमा का लाभ मिले.
अधिकारी के अनुसार, बीमा का लाभ लेने से किसानों को कर्ज के दौरान विभिन्न फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा के जरिए की जा सकती है. योजना से किसानों को ऋण की समस्या से बचने का मौका भी मिलता है.
बस्तर संभाग के 1 लाख 42 हजार 742 किसानों को विभाग ने 706 करोड़ का लोन दिया है. पंजीकृत किसानों की फसल का बीमा विभाग जरूर कर रहा है. लेकिन, कई किसान है जो बीमा के लाभ से वंचित हो रहे हैं और बीमा कराने में किसानों की रुचि कम दिख रही है.
जागरूकता अभियान का असर किसानों पर नहीं हो रहा है. इसी कारण वर्तमान में 80 हजार हेक्टेयर की फसल को बीमा करवाने के लिए लक्ष्य रखा गया है. लेकिन, इससे विभाग अभी कोसो दूर है.
ये योजना भारत सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए चलाई जाती है. इसमें उनसे काफी छोटी किस्त ली जाती है. इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसल में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
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