Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की सक्ती जिले में एक ऐसा गांव है जहां सड़क की जरूरत ने किसानों को माउंटेन मैन बना दिया. हालांकि, उन्होंने कोई पहाड़ तो नहीं चीरा लेकिन, अपनी सड़क की जरूरत के लिए सभी ने चंदा मिलाया और श्रम भी लगाया. जानिए क्या है पूरा मामला.
माउंटेन मैन दशरथ मांझी का नाम तो आप सभी ने सुना होगा. जिन्होंने सड़क बनाने के लिए पहाड़ को काट दिया है. लेकिन, छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में सड़क की जरूरत ने पूरे गांव को माउंटेन मैन बना दिया. यहां के किसानों ने अपनी मेहनत से सड़क बना ली. हालांकि, उन्होंने कोई पहाड़ नहीं चूरा.
आज के समय में सरकार की इतनी योजनाओं के बाद भी किसी गांव में सड़क न हो तो बड़े अचंभे की बात है. इससे भी बड़ा अचंभा है कि लोगों ने अपनी जरूरत पूरी करने के लिए खुद ही सड़क बनाने का बेड़ा उठाया हो. ऐसा एक गांव हैं छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में.
छत्तीसगढ़ के नए नवेले जिले सक्ती के किसानों ने अपने बूते सड़क बनाकर मिशान पेश की है. मामला जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर बुंदेली पंचायत के आश्रित ग्राम का है. जहां सकर्री से भर्री से की सड़क बनाई जा रही है.
इस काम को पूरा करने के लिए किसानों में आपसी सहमति बनाई और अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए उन्होंने चंदा कर मशीने किराए पर बुलाई. इतना ही नहीं उन्होंने गांव के इस काम को घर का काम समझकर अपना पूरी श्रम भी लगाया.
सरकार और प्रशासन मदद नहीं मिलने पर सक्ती जिले के बुंदेली के किसानों ने अनोखी मिसाल पेश की है. वे अपनी मेहनत से डेढ़ किलोमीटर की सड़क बना रहे हैं. जिससे उनके कृषि कार्य के साथ ही अन्य काम आसानी से पूरे होंगे.
ग्रामीणों ने बताय कि उन्होंने पंचायत एवं स्थानीय विधायक से कई बार गुहार लगाई. लेकिन, उनके लिए सड़क नहीं बनाई गई. उन्होंने शासन प्रशासन को भी कई बार इस संबंध में आवेदन दिया. लेकिन, आश्वासन के अलावा आज तक कुछ नहीं मिला.
गांव की सड़क वर्षों से उपेक्षा का शिकार रही है. सभी को गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने पर किसानों ने खुद की पहल से अपने लिए सड़क बना ली. अब इस सड़क के माध्यम से किसान अपने खेतों पर जा सकेंगे और सुचारू रूप से कृषि कार्य कर सकेंगे.
चूंकी अभी बरसात आने वाली है. इसलिए जल्द से जल्द इस सड़क का निर्माण किया जा रहा है. किसानों के अनुसार बरसात के दिनों में यहां चलना दूभर हो जाता था. ट्रैक्टर भी कीचड़ में फंस जाते थे, जिसे निकालने के लिए बहुत दिक्कत को सामना करना होता था.
किसानों ने कहा कि सड़क के बन जाने से गांव के सभी ग्रामीणों का भी भला होगा. वहीं हमारी कृषि कार्य भी पहले से बेहतर तरीके से चल पाएगा. हमने इसेक लिए बहुत गुहार लगाई लेकिन, सुनवाई नहीं हुआ तो हमनी जरूरत खुद पूरा करने का बेड़ा उठा लिया.
सक्ती जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर बुंदेली पंचायत के आश्रित ग्राम में किसानों की यह पहल शासन प्रशासन के विकास के दावों को मुंहतोड़ जवाब देती है. किसानों द्वारा पैसा इकट्ठा कर बनाई गई यह सड़क प्रशासनिक दावों की पोल खोलती है.
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