सांप के काटने के बाद उसे चार दिन तक बंधक बनाकर रखने और बच्चे की हालत में सुधार के बाद सांप को छोड़ने का मामला सामने आया है.
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नीलम दास पड़वार/कोरबा: सांप के काटने के बाद उसे चार दिन तक बंधक बनाकर रखने और बच्चे की हालत में सुधार के बाद सांप को छोड़ने का मामला सामने आया है. हैरान कर देने वाली ये घटना कोरबा जिले के ग्राम कनकी की है.
जाल में फंसाकर सांप को बनाया बंधक
दरअसल, गांव में रहने वाले गंगाराम धनुहार के बेटे को घर के आंगन में विषैले सांप ने डस लिया था. बच्चे की आवाज सुनकर परिवार को घटना की जानकारी हुई. परिवार के सदस्य बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. इस बीच घर के अन्य सदस्यों ने सांप को घर में ही बंधक बना लिया. उसे जाल में फंसाकर तगाड़ी से ढंक दिया.
स्नेक कैचर को दी गांव वालों ने सूचना
इस मामले की जानकारी गांव वालों को हुई. स्नेक कैचर जितेंद्र सारथी को जब सांप द्वारा बच्चे को डसने और परिवार वालों द्वारा सांप को बंधक बनाए जाने कि सूचना मिली तो जितेंद्र सारथी ने हॉस्पिटल पहुंचकर परिवार वालों को ढांढस बंधाया और बंधक सांप को छोड़ने कनकी पहुंचे.
कनकी पहुंचने पर परिवार ने जीतेन्द्र सारथी को यह कहते हुए सांप को छोड़ने से इनकार कर दिया कि जब तक बच्चा सकुशल घर नहीं आता, सांप को नहीं छोड़ेंगे. गांव वालों की जिद के सामने विवश जितेंद्र सारथी अपनी टीम के साथ वापस लौट आया.
चार दिन बाद सांप को छोड़ा
चार दिन तक बच्चे का उपचार जिला अस्पताल में चला. ठीक होने पर उसे छुटटी दी गई. इसके बाद परिवार के सदस्यों ने बंधक बनाए गए सांप को छोड़ने के लिए स्नेक केचर जितेंद्र सारथी से संपर्क किया. जितेंद्र सारथी ने एक बार फिर कनकी गांव पहुंचकर सांप का रेस्क्यू कर बंधन से आजाद कराया.