छत्तीसगढ़ में एक साथ सौ से ज्यादा अधिकारियों के तबादले को लेकर सियासत शुरू हो चुकी है. वैसे तो राज्य सरकार अपने वक्त और जरूरत के हिसाब से अधिकारियों का तबादला करती रहती है. लेकिन पहली बार इतने बड़े पैमाने पर फेरबदल हुए हैं.
Trending Photos
सत्य प्रकाश/रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक साथ सौ से ज्यादा अधिकारियों के तबादले को लेकर सियासत शुरू हो चुकी है. वैसे तो राज्य सरकार अपने वक्त और जरूरत के हिसाब से अधिकारियों का तबादला करती रहती है. लेकिन पहली बार इतने बड़े पैमाने पर फेरबदल हुए हैं. राज्य सरकार ने रविवार देर रात 128 अधिकारियों के ट्रांसफर किए. इसमें 21 सीनियर IAS, 11 पुलिस अधिकारी और 96 राज्य प्रशासनिक सेवा स्तर के अधिकारी शामिल हैं.
ये तबादले सरकार ने महत्वकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही लेटलतीफी की वजह से किए हैं. हालांकि राज्य सरकारें वक्त और जरुरतों के हिसाब से प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला समय-समय पर करती रहती है. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आये अभी करीब पौने 3 साल का ही वक्त हुआ है और ऐसे में कई बार हुए फेरबदल ने विपक्ष को सवाल उठाने का मौका दे दिया है.
इससे पहले जून महीने में ही राज्य सरकार ने 15 से ज्यादा जिलों के कलेक्टर समेत 30 से ज्यादा IAS अधिकारियों के तबादले किए थे. बीजेपी ने हालिया ट्रांसफर को अस्थिर सरकार का फैसला बताकर निशाना साधा है.
भाजपा ने बताया लेवी वसूली का जरिया
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि इस ट्रांसफर के जरिये अपने-अपने लोगों को उपकृत करने की कोशिश है. सरकार को मतलब लेवी से है और ये ट्रांसफर भी लेवी वसूली का जरिया है.
भूपेश सरकार जवाब
राज्य सरकार इस ट्रांसफर को रूटीन प्रक्रिया बताते हुए बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है. सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि सरकार के कामकाज में कसावट के लिए ये जरूरी है. सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार अपनी अपेक्षा के मुताबिक स्थानांतरण की है.
Watch LIVE TV-