महाराज से नाराज दिग्गजों के मन मिलाने की कोशिश में शिवराज, महामंथन में दिया एकता का मंत्र
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महाराज से नाराज दिग्गजों के मन मिलाने की कोशिश में शिवराज, महामंथन में दिया एकता का मंत्र

सूत्रों के हवाले से खबर है कि बैठक में बीजेपी नेताओं को पार्टी नेतृत्व की तरफ से चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि नेताओं को पुरानी बातें भूलकर एकजुटता के साथ चुनावी मैदान में उतरने को कहा गया. 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ( फाइल फोटो)

भोपाल: मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी में बैठकों का दौर तेज हो गया है. उपचुनाव की रणनीति बनाने को लेकर रविवार को बीजेपी की एक बड़ी बैठक हुई. इस मीटिंग में पार्टी की नाराजगी को दूर करने का संदेश भी दिया गया. सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत और पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद रहे. इनके अलावा पार्टी के सांसद, विधायक और प्रदेश के मंत्री भी बैठक में शामिल हुए. 

सूत्रों के हवाले से खबर है कि बैठक में बीजेपी नेताओं को पार्टी नेतृत्व की तरफ से चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि नेताओं को पुरानी बातें भूलकर एकजुटता के साथ चुनावी मैदान में उतरने को कहा गया. साथ ही ये हिदायत भी दी गई कि केवल नामधारी होने और माला पहनने से काम नहीं चलेगा, क्योंकि जलवा और रुतबा तभी तक है, जब तक सरकार है. इसलिए लोगों के बीच जाकर उनसे मेल मिलाप बढ़ाएं. साथ ही कांग्रेस के घोटाले भी जनता तक पहुंचाने के लिए नेताओं को कहा गया. बैठक में सभी 27 सीटों पर जीत को ही लक्ष्य मानकर चुनाव मैदान में उतरने की हिदायत भी नेताओं को दी गई.

आपको बता दें कि बैठक में नेताओं को पुरानी बातें भूलकर एकजुटता का संदेश इसलिए दिया गया है, क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने से ग्वालियर में पार्टी के दिग्गज नाराज हैं. कहा जा रहा है कि उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल के सभी सीटों पर बीजेपी उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट देगी, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ कर आए हैं.क्योंकि ग्वालियर को सिंधिया का गढ़ माना जाता है. लेकिन इस क्षेत्र से बीजेपी के कई कद्दावर नेता भी हैं, जो पूर्व में शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में ये लोग कांग्रेस उम्मीदवारों से चुनाव हार गए थे, जिन लोगों से ये लोग चुनाव हारे थे, वह अब बीजेपी में हैं. ऐसे में सभी अपने सियासी करियर को लेकर चिंतित हैं.

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पिछले दिनों आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाने के लिए नाराज नेताओं ने पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा के साथ बैठक की थी. बैठक में पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा, पूर्व मंत्री दीपक जोशी, युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया,शैलेंद्र प्रधान,नरेंद्र बिरथरे समेत तमाम नेता शामिल हुए थे. नाराज नेताओं को मनाने के लिए बीजेपी ने तैयारी तेज कर दी है. जयभान सिंह पवैया जैसे नेताओं से केंद्रीय नेतृत्व बात करेगा. जेपी नड्डा ने दीपक जोशी से बात कर इसकी शुरुआत कर दी है. शेष नेताओं से मुख्यमंत्री एवं संगठन के प्रमुख नेता बात कर नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे.

कांग्रेस के 25 विधायकों ने छोड़ा था हाथ का साथ
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं. सूबे में 10 मार्च को कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का हाथ थाम लिया था और तत्कालीन कमलनाथ सरकार को अल्पमत में लाकर आखिरकार गिरा दिया था.इसके बाद 12 जुलाई को बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और 17 जुलाई को नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर ने भी इस्तीफा दे दिया था. 23 जुलाई को मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस से दूरी बना ली. इस तरह मार्च से अब तक पार्टी से इस्तीफा देने वालों की संख्या अब 25 हो गई है. वहीं विधायकों का निधन हो गया था. जिसके बाद मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है.

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