मोहित सिन्हा/जबलपुर: इंदौर में बेसहारा बुजुर्गों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार के बाद इंदौर की छवि को बड़ा झटका लगा है. इसी से सबक लेते हुए जबलपुर प्रशासन अलर्ट हो गया है. प्रशासन ने खुले में सो रहे बेसहारा लोगों को आश्रय स्थलों तक पहुंचाने की पहल की है.


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शहर में पड़ रही अत्यधिक ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम के साथ मिलकर बेसहारा लोगों के लिए व्यापक मुहिम चलाई जा रही है. रविवार के अवकाश के बावजूद कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने निगमायुक्त अनूप कुमार के साथ देर रात शहर के कई क्षेत्रों का भ्रमण किया. इस दौरान सहायक आयुक्त अतिक्रमण वेद प्रकाश चौधरी, अतिक्रमण अधिकारी सागर बोरकर एवं टीम सदस्य आदि उपस्थित थे.


कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि उन्होंने कचहरी वाले बाबा की मजार, मालगोदाम चौक, रेलवे स्टेशन, कलेक्ट्रेट के आसपास के इलाकों में सड़क किनारों, फुटपाथ पर रात  गुजारने वाले बेसहारा लोगों का हालचाल जाना और उन्हें सुविधाजनक ढंग से रात बिताने के लिए नगर निगम द्वारा संचालित रैन बसेरों के लिए भेजा.


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बेसहारा लोगों को रैन बसेरा पहुंचाने के लिए बनी टीमें
शहरी क्षेत्र के एसडीएम एवं नगर निगम की अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. जो नियमित रूप से वाहनों के साथ शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर खुले में रात बिताने वाले लोगों को चिन्हित करेंगी और संबंधित स्थलों के आसपास संचालित रैन बसेरों में भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगी.


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आपको बता दें कि इंदौर में बेसहारा बुजुर्गों को ट्रक में भरकर शहर की सीमा से जबरन बाहर छोड़े जाने पर इंदौर नगर निगम को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. जिलाधिकारी मनीष सिंह ने अधिकारियों की गलती के लिए खजराना गणेश मंदिर में जाकर माफी मांगी है.


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