बजट 2021-22: किसानों के पक्ष में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, बजट को लेकर कही ये बड़ी बात
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बजट 2021-22: किसानों के पक्ष में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, बजट को लेकर कही ये बड़ी बात

मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने बजट को निराशाजनक बताया गया है. पढ़िए पूरी खबर...

कमलनाथ, पूर्व सीएम मध्यप्रदेश (फाइल फोटो)

भोपाल: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए बजट (Union Budget 2021-22) को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने आमजन विरोधी और निराशाजनक बजट करार दिया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने कहा कि 'कोरोना की महामारी के भीषण संकट काल के समय पेश किए गए इस आम बजट से देशवासियों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन इस बजट से आमजन को भारी निराशा हुई है. कोरोना महामारी में ध्वस्त अर्थव्यवस्था को देखते हुए आमजन को राहत देने के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है.'

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने एक ट्वीट में लिखा कि 'देश का सबसे बड़ा वर्ग किसान (kisan) वर्ग, जो अपने हक को लेकर सड़कों पर पिछले 2 माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहा है उसके लिए इस बजट में कुछ नहीं है. बजट में सिर्फ झूठे वादे किए गए हैं. इन झूठे वादों में आय दोगुनी करने और मंडी व्यवस्था को मजबूत करने की बात कहकर किसानों को गुमराह करने का काम किया गया है.'

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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लिखा कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया के पुराने नारों की तरह अब आत्मनिर्भर  के नए नारे के साथ आंकड़ों की हेरा-फेरी कर देश की जनता को गुमराह करने का काम इस बजट में किया गया है. जो लोग एफडीआई का विरोध करते थे, वो आज एफडीआई को हर क्षेत्र में लागू कर रहे हैं. यह बजट पूरी तरह से आमजन विरोधी व निराशाजनक बजट है. 

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'जनता को ठगा गया है'

कमलनाथ ने बताया कि 'गरीब-मध्यमवर्गीय के लिये इस बजट में कुछ नहीं है. आयकर में छूट की उम्मीद थी लेकिन छूट नहीं बढ़ायी गयी. यह बजट महंगाई बढ़ाने वाला बजट है. पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को देखते हुए इस बजट में करो में भारी राहत की जनता को उम्मीद थी लेकिन जनता एक बार फिर ठगी गयी है.' बता दें कि कोरोना महामारी के बाद पेश किए गए इस बजट में उच्च शिक्षा और डिजीटल पेमेंट जैसे कई मुद्दों पर तमाम घोषणाएं की गई हैं. बजट में अगली जनगणना के लिए सरकार ने 3760 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं.

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