शिवराज सिंह चौहान ही होंगे MP के अगले CM, चुने गए विधायक दल के नेता
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शिवराज सिंह चौहान ही होंगे MP के अगले CM, चुने गए विधायक दल के नेता

राजभवन में आज रात 9 बजे शिवराज सिंह चौहान का शपथ ग्रहण होगा. वह अकेले शपथ ग्रहण करेंगे. मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी. 

शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

भोपाल: मध्य प्रदेश में सीएम के नाम पर लग रहे कयासों पर विराम लग गया है. अब तय हो गया है कि अगले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे. सोमवार शाम हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में शिवराज के नाम पर मुहर लग गई. BJP विधायक दल की बैठक में उन्हें सीएम बनाने प्रस्ताव रखा गया जिसका समर्थन सभी विधायकों ने किया. राजभवन में आज रात 9 बजे शिवराज सिंह चौहान का शपथ ग्रहण होगा. वह अकेले शपथ ग्रहण करेंगे. मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी. 

गोपाल भार्गव ने नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने ही शिवराज सिंह चौहान को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा जिसका समर्थन सभी विधायकों ने किया. विधायक दल की बैठक के दौरान कोरोना वायरस से संबंधित सावधानी जाएगी. सभी विधायक एक मीटर का फासला रखकर बैठे. जबकि दिल्ली के नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक को संबोधित किया. 

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इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण आज ही होगा. प्रत्येक विधायक 2 सीट छोड़कर बैठेंगे. विधायक को निजी स्टाफ और गनमैन साथ में लाने की भी इजाजत भी नहीं दी गई है. कार्यकर्ता भी साथ में नहीं होंगे. विधायकों को बैठक में आने से पहले यह बात बता दी गई है. 

आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान 15 महीने के ब्रेक के बाद चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे. वह 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सूबे के मुखिया रह चुके हैं. मध्य प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब कोई व्यक्ति चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा. मध्य प्रदेश में शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं. भाजपा को दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था. भाजपा की 109 और कांग्रेस की 114 सीटें आई थीं. कांग्रेस ने 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी.

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आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार के अल्पमत में आने के बाद बीते 20 मार्च को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सिर्फ 459 दिन चल सकी. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर बीते 11 मार्च को भाजपा का दामन थाम लिया था. इसके बाद 22 कांग्रेसी विधायकों ने कमलनाथ सरकार का साथ छोड़ दिया था और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. कमलनाथ की सरकार इस वजह से अल्पमत में आ गई और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.

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