ग्वालियर: गोडसे भक्त बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में एंट्री से पार्टी में मची कलह थमने का नाम नहीं ले रही है.  रविवार को फूलबाग स्थित महात्मा गांधी की उस प्रतिमा को कांग्रेसियों ने गंगाजल से नहलाया, जिस पर एक दिन पहले बाबूलाल चौरसिया ने माल्यार्पण किया था. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि गोडसे भक्त के फूल चढ़ाने से महात्मा गांधी की प्रतिमा अशुद्ध हो गई थी, जिसे गंगाजल से नहलाकर शुद्ध किया गया.


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ग्वालियर नगर निगम के वार्ड 44 से हिंदू महासभा के इकलौते पार्षद व गोडसे भक्त बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी में घमासान छिड़ गया है. कांग्रेस के अंदर दो गुट बन गए हैं. एक गुट बाबूलाल को गोडसे भक्त बताकर उनकी कांग्रेस में एंट्री को गांधीवादी विचारधारा की हत्या बता रहा है, जबकि दूसरा गुट का कहना है कि कोई गोडसेवादी अगर गांधी की विचारधारा को अपनाना चाहता है तो इसमें गलती नहीं है.


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कांग्रेस में मचा घमासान अब सड़कों पर दिखने लगा है. रविवार को ग्वालियर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाबूलाल को पार्टी में शामिल किए जाने का जमकर विरोध किया. इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ''गोडसे भक्त बाबूलाल को वापस भेजो'' के नारे लगाते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की. यह प्रदर्शन कांग्रेस के प्रदेश सचिव रूपेश यादव के नेतृत्व में किया गया. रूपेश मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव के करीबी माने जाते हैं.


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आपको बता दें कि बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता 24 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दिलाई थी. मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कमलनाथ के इस फैसले का मुखरता से विरोध किया है. मानक अग्रवाल ने भी अरुण यादव का समर्थन किया है. वहीं ग्वालियर दक्षिण विधायक प्रवीण पाठक ने कमलनाथ के फैसले को सही ठहराते हुए अरुण यादव पर निशाना साधा है. इस तरह मध्य प्रदेश कांग्रेस दो धड़े में बंट गई है. एक धड़ा कमलनाथ तो दूसरा अरुण यादव के साथ है. 


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