रायपुरः केंद्र सरकार की ओर से कराए गए एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि देश भर में शराब की सबसे अधिक खपत छत्तीसगढ़ राज्य में है. छत्तीसगढ़ के लोग रोजना लाखों की शराब गटक जाते हैं. शराब की खपत पर हुए सर्वे में यह बात सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीति शुरू हो गई है. जहां एक ओर पूरे वर्तमान सरकार पूर्व की भाजपा सरकार को दोषी ठहरा रही है तो राज्य में तीन बार से सत्ता पर काबिज रही भाजपा का कहना है कि सरकार ने अपने कार्यकाल में शराब पर काबू करने के लिए कई कदम उठाए थे, लेकिन अपने घोषणापत्र में शराब बंदी की बात कहने वाली कांग्रेस सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.


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वहीं कांग्रेस का कहना है कि 'प्रदेश में शराब की भारी मात्रा में खपत को देखते हुए ही हम पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को हम दारू वाले बाबा बुलाते थे, केंद्र सरकार की जो रिपोर्ट आई है उसके आधार पर यह साफ होता है कि छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों में जमकर शराब पिलाई गई. बीजेपी सरकार मे शराब को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया. हमारी सरकार जब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुआ करती थी तब ऐसी स्थिति नहीं थी. हमने हमेशा शराब को हतोत्साहित किया है और बीजेपी ने प्रोत्साहित.'


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वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि 'हमारी सरकार के समय हमने कोचिंग को नियंत्रित किया था और दो बार 330 सौ से ज्यादा शराब दुकानों को प्रतिबंध किया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार आने के बाद शराबबंदी की नीति पर काम नहीं हो रहा. घोषणा पत्र में वादा किए जाने के बावजूद कांग्रेस शराबबंदी पर ठोस कदम नहीं उठा रही और पूर्व सरकार को कोस रही है.' बता दें इससे पहले शराब से 3700 करोड़ रुपये की आमदनी का लक्ष्य निर्धारित कर छत्तीसगढ़ की पूर्व भाजपा सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. शराब से आमदनी का लक्ष्य निर्धारित करने पर विपक्षी पार्टियों ने प्रदेश को धान का कटोरा की जगह शराब का ग्लास बनाने तक की सलाह पूर्व सरकार को दे डाली थी.