इस दंपति ने ना केवल इन अनाथ बच्चियों को अपनाया बल्कि इन्हें कानूनी रूप से अपनी संतान होने का दर्जा भी दिया.मातृछाया में विधिवत एडॉप्शन की प्रक्रिया को पूरा कर इन बच्चियों को अपने साथ ले गए.
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सतना: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सतना की दो अनाथ बच्चियों को मां-बाप का साया मिल गया. यूरोप के माल्टा शहर से दंपति निशा और मनीषा को गोद लेने सतना पहुंचे. बच्चियों को गोद लेने के बाद दंपति काफी खुश हुए.
हर किसी ने कर दिया था अपनाने से इनकार
दरअसल सतना के उतैली स्थित मातृछाया में रहने वाली 6 वर्षीय निशा और 3 वर्षीय मनीषा के सिर से माता-पिता का साया उस वक्त उठ गया था, जब दोनों ने होश तक नहीं संभाला था. इन बच्चियों के माता-पिता को TB था, जिसके कारण उनका निधन हो गया था. माता-पिता के TB से ग्रसित होने के करण दोनों बच्चियां भी TB से ग्रसित हो गईं. जिसके कारण हर किसी ने दोनों को अपनाने से मना कर दिया. ऐसे में यूरोप का ये दंपति इनके लिए फरिश्ता बनके आया.
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इस दंपति ने ना केवल इन अनाथ बच्चियों को अपनाया बल्कि इन्हें कानूनी रूप से अपनी संतान होने का दर्जा भी दिया.मातृछाया में विधिवत एडॉप्शन की प्रक्रिया को पूरा कर इन बच्चियों को अपने साथ ले गए.
बच्चियों को गोद लेने के लिए विदेशी दम्पत्ती यूरोप के माल्टा शहर से हवाई यात्रा से जबलपुर होकर सतना पहुंचे थे. सतना कोर्ट के आदेश के बाद बच्चियों को लेकर कल दिल्ली की एंबेसी पहुंचेंगे. उसके बाद यूरोप के लिए रवाना होंगे.
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