(बप्पी राय)/बस्तरः दंतेवाड़ा जिला जो की माओवादी दहशत के मामले में पूरे देश में चर्चित है. यहां माओवादी स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र अपने अलोकतांत्रिक चेहरे को लेकर हमेशा से चर्चित रहे है. माओवादी अपने नापाक इरादों को दिखाते हुए प्रत्येक वर्ष दंतेवाड़ा जिले से लगे अबूझमाड़  क्षेत्रो में काला झंडा फहराया करते थे . किन्तु इस बार 26 जनवरी दंतेवाड़ा के लिए बेहद ही खास रहा है क्योंकि इस बार जिला प्रशासन व पुलिस ने नक्सलियो की लाइफलाइन नदी इंद्रावती के बीचों बीच तिरंगा फहरा कर धूम धाम से गणतंत्र दिवस मनाया  है. और नक्सलियो के नापाक इरादों को चकनाचूर किया. भले ही अंग्रेजो की गुलामी की बेड़ियों से जकड़ा भारत आजाद हो गया, 26 जनवरी 1950 को भारत मे संविधान भी अंगीकृत भी  हो  गया. लेकिन बस्तर  अंचल आज भी माओवादियों की बेड़ियों से जकड़ा हुआ है.


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बस्तर में माओवादियों ने किया बंद का ऐलान, बैनर लगाकर दी चेतावनी 


हिंदुस्तान की आजादी व संविधान निर्माण के वर्षों बाद आज पहली बार नक्सलियो की राजधानी कहे जाने वाली पाहुरनार इंद्रावती नदी के बीचों बीच जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने तिरंगा लहराया. इन इलाकों में जहा माओवादी हमेशा काले झंडा फहराया करते थे , जहां कदम रखते ही लालतंक शुरू हो जाता था ,आज इसी इंद्रावती नदी व इसके चारों ओर जंगल पहाड़ो में  भारत माता की जय जयकार के साथ राष्ट्रगान गुंजायमान हुआ. दरअसल, इंद्रवती नदी पर पुल बनाने की मांग ग्रामीण वर्षों से करते आये है. लंबे अरसे के बाद ग्रामीणों की मांग पूरी होने को है . लेकिन संवेदनशील इलाका होने की वजह से बिना फोर्स के व कैम्प की स्थापना किये  पुलिया निर्माण  का कार्य  नही किया जा सकता था. 


आज गणतंत्र दिवस के खास मौके पर सुरक्षा बलों का कैम्प इस छिंदनार घाट पर स्थापित किया गया. माओवादियों की राजधानी कहे जाने वाले इस इलाके में आज पहली बार जिला प्रशासन व पुलिस ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. गणतंत्र दिवस की सुबह से ही कैम्प में जवानों के द्वारा लाउड स्पीकर में देश भक्ति गाने चलाये जा रहे थे. वही माओवादी की राजधानी में गणतंत्र का पर्व मना कर पुलिस ने माओवादियों को खुली चेतावनी भी दे डाली. जिला पंचायत सीईओ ध्वजारोहण के बाद कहा कि, भारतीय संविधान  देश के प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रध्वज फहराने का अधिकार देते हैं. इस गणतंत्र दिवस पर इंद्रवती नदी के तट पर राष्ट्रध्वज फहराकर काफी गौरवान्वित महसूस किया जा रहा है ,और  इन क्षेत्रो में  माओवादी दहशत के कारण डरे सहमे ग्रामीणों को उनका अधिकार मुहैया कराने के लिए प्रशासन प्रयासरत है .


दन्तेवाड़ा sp अभिषेक पल्लव ने कहा कि इंद्रवती नदी के उस पार के ग्रामीणों की मांग थी कि नदी पर पुलिया बने. पुलिया न होने का खामियाजा ग्रामीणों को अक्सर नदी पार करते समय अपनी जान गवा कर देना पड़ता था. इस इलाके को माओवादि  पूरी तरह अपने कब्जे में कर के रखे है. आज भी नदी पार के इलाके में बहुत से नक्सलियों के मौजूदगी की खबर मिली है. उसके बाद भी हम गणतंत्र दिवस पर नदी पर तिरंगा फहरा रहे है पुलिया बनने के बाद हम पुल पर तिरंगा फहराएंगे ओर ग्रामीण भी जश्न मनाएंगे. साथ ही हम नक्सल संगठन में जुड़े लोगों से अपील करते हैं कि वे माओवादी संगठन छोड़ कर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं. 


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बता दे की इंद्रवती नदी के पार का अबूझमाड़ क्षेत्र अघोषित रूप से नक्सलियो के राजधानी के रूप में देखा जाता है . दंतेवाड़ा जिले से लगे इंद्रावती नदी पार के मार क्षेत्र में 10 हजार से अधिक आदिवासी निवासरत है और यहां के ग्रामीण नक्सली दहशत के साये में जीने पे मजबूर है. नदी पार के दर्जनों गॉव में नक्सली हमेशा से काला झंडा फहराते आए हैं. नदी पार के कइयों स्कूलों में नक्सली जबरन स्कूली बच्चों से काला झंडा फहरवाते हैं. इस बार पुलिस प्रशासन के इस कदम से नदी पार मौजूद बच्चों और रहवासियों में एक आशा की किरण झलकी है.