बुजुर्ग महिला द्वारिका के तीन बेटे है, तीनों बेटे अपनी मां को सुरक्षित पाकर बेहद खुश है.
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राजनांदगांव: राजनांदगांव से भटकर मुरैना आई 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपने घर सुरक्षित पहुंच गई. महिला को लेने छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव से उसका भतीजा आया तो उसका चेहरा खुशी से खिल गया. अपने घर मे परिजनों और नाती पोतियों को देख कर उन्हें एहसास ही नहीं हो रहा था कि वह अपने घर पहुंच गई है. बच्चों के साथ खुशी से बातें कर रही द्वारिका के चेहरे पर आपने घर पहुंचने की साफ खुशी देखी जा सकती है.
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बता दें कि छत्तीसगढ़ के चिखली इलाके की रहने वाली करीब 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला रिश्तेदार के घर गई हुई थी और वहीं से भटक कर मध्यप्रदेश के मुरैना पहुंच गई. जहां मुरैना पुलिस ने वृद्ध महिला को सुरक्षित घर पहुंचाने मे महत्वपूर्ण भुमिका निभाई. मुरैना पुलिस ने बुजुर्ग महिला को उपहार और मिठाईया देकर रवाना किया.
भाषा की दिक्कत हो रही थी
पुलिस को वृद्ध महिला ने राजनांदगांव के चिखली इलाके का निवासी होना बताया लेकिन महिला खुद का नाम भी बता नहीं पा रही थी. भाषा की समस्या की वजह से मुरैना पुलिस भी असमंजस मे थी. लेकिन सिर्फ भेजे गये फोटो के आधार पर उन्होंने दो दिनों मे महिला के परिवार को खोज निकाला.
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उम्र की वजह से याददाश्त कमजोर
बुजुर्ग महिला द्वारिका के तीन बेटे है, तीनों बेटे अपनी मां को सुरक्षित पाकर बेहद खुश है. परिवार ने मुरैना पुलिस और राजनांदगांव चिखली पुलिस का आभार मानते हुए कहा कि उनकी मां पुलिस की वजह से सुरक्षित घर पहुंची है. बुजुर्ग द्वारिका बाई की उम्र की वजह से याददाश्त पर भी फर्क पड़ा है बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह अकेली ही घर से निकल गई थी फिर उसे कुछ याद नहीं रहा. पुलिस स्टेशन पर पुलिस वालों ने उसे खाना भी खिलाया था.
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