ग्वालियरः डिंडौरी में एक गरीब बुजुर्ग महिला को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित किए जाने का मामला सामने आया है, हैरत की बात तो यह है कि जब मीडिया ने इस मामले को उजागर किया तो अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अधिकारीयों ने सरकारी रिकार्ड में मृत महिला को दोबारा जिंदा कर दिया. मामला जनपद पंचायत डिंडौरी के पौंडी ग्रामपंचायत का है, जहां एक बुजुर्ग महिला खुद को जिंदा साबित करने के लिए पिछले 16 महीने से अफसरों के चक्कर काटने को मजबूर है और अब उसने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है. इस मामले में जवाबदार सरकारी अधिकारियों का रवैया बेहद असंवेदनशील होने के साथ गैर जिम्मेदाराना नजर आया तो वहीं पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के बाद उचित कार्यवाही का भरोसा जताया है.


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मामले का खुलासा तब हुआ जब बुजुर्ग महिला को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया. दरअसल, बुजुर्ग महिला फुलिया बाई को राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत हर महीने 300 रूपये मिलते थे, लेकिन जून 2017 से अचानक जब उसे पेंशन योजना की राशि मिलना बंद हो गई और जब उसने इस बात की जानकारी ली तो पता चला कि उसे सरकारी रिकार्ड में 18 जून 2017 को मृत घोषित कर दिया है. जिसके कारण उसका नाम पेंशन सहित अन्य सरकारी योजनाओं से हटा दिया गया है. तब से 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला फुलिया बाई खुद को जिंदा साबित करने के लिये ग्रामपंचायत, जनपद पंचायत, जिलापंचायत से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के चक्कर काट रही है.


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लेकिन जवाबदार पदों पर आसीन अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और अब पोल खुलने के बाद सरकारी रिकॉर्ड में महिला को दोबारा जिंदा करने की बात कर खुद की पीठ थपथपाते नजर आ रहे हैं. हम आपको बता दें कि बुजुर्ग महिला फुलिया बाई पौंडी ग्रामपंचायत के नए गांव में मेहनत मजदूरी कर अपना पेट पालती है और पेंशन योजना की राशि से वो किसी तरह अपना गुजर बसर करती थी, लेकिन पंचायत के कर्मचारी एवं अफसरों की लापरवाही के कारण उसे पिछले 16 महीने से जीवित होने के बाद भी एक मुर्दे की तरह जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है.