गिरोह पटना से अपनी ठगी की गतिविधियों को अंजाम देता था. इन्होंने मंदसौर के अजय, पिता बसंती लाल आर्य से ₹650000 से ठगी की थी.
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मनीष पुरोहित /मंदसौर: मध्यप्रदेश के मंदसौर में पुलिस ने लाखों की ठगी करने वाले नकली आई ए एस अधिकारी और उसके गिरोह को गिरफ्तार कर लिया है. यह आरोपी मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई ठेकेदारों को बड़े ठेके दिलवाने का झांसा देकर लगभग 20 लाख रुपए की ठगी कर चुका है. इस गिरोह का मास्टर माइड अभिषेक रंजन उर्फ रंजन पांडेय खुद को आईएएस अधिकारी बताता था, और बड़े ठेके दिलवाने के नाम पर अर्नेस्ट मनी बैंक अकाउंट में डलवाकर ठगी करता था. पुलिस ने इसके दो साथियों अजय विश्वकर्मा और चितरंजन चोबे को गिरफ्तार भी किया है, जबकि इनकी एक साथी अभी फरार है, जिसकी तलाश अभी जारी है.
दरअसल यह शातिर ठग खुद को आईएएस अधिकारी बताकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया करता था. इसकी पहचान ट्रू कालर पर भी आईएएस सौरभ शुक्ला के नाम से ही दिखाई देती थी. यह गिरोह पटना से अपनी ठगी की गतिविधियों को अंजाम देता था. इन्होंने मंदसौर के अजय, पिता बसंती लाल आर्य से ₹650000 से ठगी की थी. ठगी का पता लगने पर उन्होनें थाने में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस हरकत में आयी.
बता दें कि नालंदा बिहार की पुलिस के साथ जानकारी प्राप्त कर गिरोह के मास्टरमाइंड अभिषेक रंजन उम्र 35 साल निवासी पटना, अजय विश्वकर्मा निवासी पटना और चितरंजन चौबे निवासी भोजपुर को हिरासत में ले लिया गया है. जबकि अभिषेक रंजन की पत्नी सविता जो इस गिरोह का हिस्सा थी, उसकी तलाश पुलिस कर रही है. इन पर यशोधर्मन नगर थाने में अपराध क्रमांक 624 बटा 19 आईपीसी 420 के तहत मामला दर्ज है. वह राजस्थान के जयपुर, हनुमानगढ़ और जोधपुर में भी इनके ऊपर ठगी के मामले दर्ज हैं. प्राथमिक पूछताछ में पता चला है, कि हाल ही में लोगों ने विभिन्न ठेकेदारों से ₹2000000 के लगभग की ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया था. पुलिस इनसे पूछताछ में जुटी है.
पुलिस अधीक्षक हितेश चौधरी ने बताया कि, यह गैंग जनप्रतिनिधियों और उनके रिश्तेदारों को मुख्यत निशाना बनाया करता था. रंजन कभी खुद को केंद्र सरकार का अधिकारी बताता था तो कभी रेलवे का, कभी pwd का अधिकारी बताकर ठेके दिलवाने का झांसा दिया करता था. पूछताछ के मुताबिक आरोपी बिहार की विधानसभा क्रमांक 112 से चुनाव भी लड़ चुका है और आईएएस की तैयारी भी कर रहा है.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यह शातिर ठग मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई सम्मानित जनप्रतिनिधियों विधायकों को चुना लगा चुका है, लेकिन कुछ मामलों में शिकायत दर्ज नहीं हुई, तो कुछ मामलों में अपने खास लोगों के जरिए शिकायते दर्ज करवाई गई हैं. मामला हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ा होने की वजह से पुलिस इस मामले में फुंक-फुंक कर कदम रख रही है, इस से पूछताछ में पुलिस को और भी कई खुलासे होने की उम्मीद है.