इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. दरअसल अब उन्हें यूरिया की 50 किलो की बोरियां ढोने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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नई दिल्लीः तकनीक का इस्तेमाल आज हर क्षेत्र में हो रहा है. कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. अब इसी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कृषि विज्ञानियों ने एक ऐसा उत्पाद बनाया है, जिससे एक बोरी यूरिया अब एक बोतल में समा जाएगा. इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. दरअसल अब उन्हें यूरिया की 50 किलो की बोरियां ढोने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
नैनो लिक्विड यूरिया करेगा यूरिया का काम
बता दें कि सहकारी क्षेत्र की कंपनी इफको ने नैनो लिक्विड यूरिया तैयार किया है. यह आधा लीटर नैनो लिक्विड यूरिया आम यूरिया का काम करेगा. जून से इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा. बता दें कि आधा लीटर नैनो लिक्विड यूरिया की बोतल की कीमत 240 रुपए होगी. गुजरात के कलोल स्थित इफको नैनो जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र में रिसर्च करके यह नैनो लिक्विड यूरिया तैयार किया गया है. यह किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है.
क्या हैं नैनो लिक्विड यूरिया के फायदे
इस नैनो लिक्विड यूरिया के फायदों की बात करें तो यह पोषक तत्वों से भरपूर है और मिट्टी, जल और वायु प्रदूषण को कम करने में मददगार है. नैनो यूरिया के इस्तेमाल से फसलों की उपज में 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो सकती है. यूरिया की ढुलाई से छुटकारा मिलने के चलते फसल की लागत में भी कमी आएगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी. सबसे खास बात ये है कि नैनो लिक्विड यूरिया का भूमिगत जल पर कोई असर नहीं पड़ता है.
इफको का दावा है कि यह दुनिया का पहला तरल यूरिया है. लंबे समय से इस यूरिया को तैयार किया जा रहा था. दावा किया जा रहा है कि यह नैनो लिक्विड यूरिया फसलों को कई तरह के रोगों और कीटों से भी बचाएगा. राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद के देशभर में फैले 20 संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों में 43 फसलों पर इस नैनो लिक्विड यूरिया का इस्तेमाल किया गया है और इसके नतीजे काफी उत्साहवर्धक हैं.