वायु प्रदूषण (Air Pollution) के साथ ही ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) को कंट्रोल करने के लिए अब लोगों को सिर्फ रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखा जलाने की अनुमति होगी.
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रायपुरः छत्तीसगढ़ में दिवाली (Diwali 2019) के दिन पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर प्रशासन सख्त हो गया है. वायु प्रदूषण (Air Pollution) के साथ ही ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) को कंट्रोल करने के लिए अब लोगों को सिर्फ रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखा जलाने की अनुमति होगी. इससे पहले या बाद में पटाखा जलाने पर कानूनन कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने लेकर सभी कलेक्टरों को ये निर्देश जारी किया गया है. पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ियां जांच करेंगी और कंट्रोल रूम के जरिये कोई भी इसकी शिकायत कर सकेगा.
आपको बता दें कि पहले ही पटाखा कारोबारियों को 125 डेसिबल से ज्यादा आवाज वाले पटाखे बनाने और बेचने पर बैन लगाया गया था. अब इसकी जांच की जाएगी. दिवाली में अगर ऐसे पटाखे जब्त होते हैं, तो जहां से इसको खरीदा गया है, उन दुकानदारों पर भी कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के सख्ती से पालन को लेकर सभी कलेक्टरों को यह निर्देश जारी किया गया है. जिसके बाद अब कलेक्टर अपने जिलों में पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर इसका पालन करेंगे. बता दें राज्य में अगर कोई व्यक्ति रात 10 बजे के बाद पटाखे जलाता है तो उस पर कोलाहल अधिनियम 1985 की धारा 4,5 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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समझिए कौन सा पटाखा आपके लिए कितना घातक
चकरी पटाखा
- 5 मिनट में 10475 यूजी प्रति क्यूबिक मीटर, पीएम 2.5
अनार बम
- 3 मिनट में 5640 यूजी प्रति क्यूबिक मीटर, पीएम 2.5
सांप वॉर्म
- पटाखा 3 मिनट में 64849 यूजी प्रति क्यूबिक मीटर, पीएम 2.5
चटाई बम
- 6 मिनट के अंदर 47779 यूजी प्रति क्यूबिक मीटर, पीएम 2.5
पुलपुल लाइट
- 3 मिनट में 34,068 यूजी प्रति क्यूबिक मीटर, पीएम 2.5
फुलझड़ी
- 2 मिनट में 10898 यूजी प्रति क्यूबिक मीटर, पीएम 2.5