दहशरा पर्व पर कोरोना का साया, 600 सालों से आयोजित होने वाले बस्तर मेले में नहीं दिखेगी भीड़
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दहशरा पर्व पर कोरोना का साया, 600 सालों से आयोजित होने वाले बस्तर मेले में नहीं दिखेगी भीड़

दहशरा के पर्व के आयोजन पर भी कोरोना का साया मंडरा रहा है. महामारी के दौर की वजह से विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा मेला का आयोजन बेहद कम लोगों के साथ किया जाएगा. कार्यक्रम में कम लोगों को आने की अनुमति दी जाएगी.

फाइल फोटो

जगदलपुर: दहशरा के पर्व के आयोजन पर भी कोरोना का साया मंडरा रहा है. महामारी के दौर की वजह से विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा मेला का आयोजन बेहद कम लोगों के साथ किया जाएगा. कार्यक्रम में कम लोगों को आने की अनुमति दी जाएगी. दशहरा समिति के सदस्यों, आदिवासियों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारीयों की संयुक्त बैठक में यह फैसला लिया है. साथ ही मीटिंग में दूर-दराज से आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के उपायों पर भी चर्चा की गई. 

दरअसल जगदलपुर में आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा मेले के सफल आयोजन के लिए शनिवार को दशहरा समिति की बैठक हुई. इस दौरान दशहरा समिति के सदस्यों ने कोरोना महामारी को देखते हुए बड़ा आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है. इस मीटिंग में बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष एवं सांसद बस्तर दीपक बैज भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह इस वर्ष भी विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पूरी भक्ति भावना के साथ मनाया जाएगा. पर्व की गरिमा एवं महत्ता को बनाए रखते हुए बस्तर वासियों के सहयोग से इसका सफल आयोजन किया जाएगा.

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आपको बता दें कि बीते 600 सालों से बस्तर में आदिवासी और सभी समाज के लोग ऐतिहासिक दशहरा पर्व मनाते आ रहे हैं. इस पर्व में लाखों लोग बस्तर की आराध्या देवी मां दंतेश्वरी के दर्शन करते हैं. महाराष्ट्र,ओडिशा और आंध्र प्रदेश से भी लोग दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए जगदलपुर आते हैं.

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