बैतूल: आपने अपने बड़े बुजुर्गों को यह कहते हुए सुना होगा कि जोड़ियां तो स्वर्ग से बनकर आती हैं, जिन्हें एक दूसरे से मिलना होता है वो मिल ही जाते हैं, चाहे जरिया कोई भी क्यों ना हो. बैतूल में 14 साल पहले टूटी पति-पत्नी के रिश्ते के डोर एक बार फिर बंध गई है.


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आंखों में आंसू थे, चेहरे पर मुस्कान
जब वो मिले तो दोनों के चेहरों पर मुस्कुराहट और आंखों में खुशी का आंसू थे. खास बात ये है कि पत्नी अपने पति को 11 साल के दौरान 13 बार जेल की हवा खिला चुकी थी. ये कहानी बैतूल जिले के सारणी निवासी चंद्रशेखर और ममता की है.


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क्यों और कैसे हुए थे अलग
पारिवारिक विवाद इतना बढ़ गया था कि दो बच्चों के माता-पिता अलग हो गए. 14 साल पहले शुरू हुई इस कलह के बाद ममता ने पति चंद्रशेखर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, मारपीट ,जान से मारने की धमकी से लेकर घरेलू हिंसा तक का मामला दर्ज करा दिया था. इसके बाद रिश्ते में दूरियां बढ़ती गईं.


14 साल तक रही दूरियां
नौबत यहां तक आ गई कि पत्नी ने पति पर गुजारा भत्ते में बढ़ोतरी और रुपये न चुकाने के आरोप लगाते हुए फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया था.  इतना सब हो गया और 14 साल निकल गए, लेकिन नियति को मंजूर था कि दोनों एक बार फिर एक हो जाएं और हुआ भी ऐसा ही.


पति के इस काम से पसीज गया पत्नी का दिल
मां-पिता को मिलाने के लिए 12 वर्षीय बेटे ने अहम रोल निभाया. जब बेटे की तबियत बिगड़ी तो पिता ने उसका इलाज कराना शुरू कर दिया. यहां तक कि उसकी पढ़ाई-लिखाई की सुध लेना शुरू कर दिया. पति का ये रूप देखकर पत्नी ममता का दिल पसीज गया. बस फिर क्या था दोनों के दिलों में एक बार फिर एक दूसरे के लिए प्रेम जागा और 14 साल की दूरियां खत्म हो गईं.


ऐसे हुआ मिलन
दोनों को बैतूल में हुई लोक अदालत में एक होने का मौका मिल गया. जहां एडीजे और विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनोज मंडलोई और अधिवक्ता अजय चौहान के प्रयास से दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाकर एक बार फिर रिश्तों की डोर फिर थाम ली.


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