ऑनलाइन फ्रॉड पर FIR कराने के लिए 6 साल से भटक रहा युवक, कोर्ट से मांगी मदद तो विभाग को लगी फटकार
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ऑनलाइन फ्रॉड पर FIR कराने के लिए 6 साल से भटक रहा युवक, कोर्ट से मांगी मदद तो विभाग को लगी फटकार

Indore News: इंदौर में 6 साल पहले एक युवक के साथ फ्रॉड हुआ. एक फर्जी कंपनी ने करोड़ों का लेन देन कर दिया. पीड़ित युवक शिकायत दर्ज कराने के लिए 6 साल से भटक रहा था, पर सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट में याचिका लगाई. 

court slams indore police for not filing FIR from 6 years

Tax Scam in indore: मध्य प्रदेश के इंदौर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. साल 2018 में अंकुर कुमार अवस्थी के नाम से एक फर्जी बैंक अकाउंट खोला गया जिससे बदमाशों ने करोड़ों का लेन देन किया. फ्रॉड के 6 साल बीतने के बाद भी न तो कोई FIR की गई, न ही कोई कार्रवाई हुई. इससे परेशान युवक ने मंगलवार को जनसुनवाई में कमिश्नर से मामले की जांच करने की मांग की. इससे पहले युवक ने इंदौर हाई कोर्ट की विशेष अदालत में भी याचिका लगाई थी, जिसमें कोर्ट ने मामले में की गई लापरवाही पर पुलिस प्रशासन से जवाब तलब किया है. 

युवक को इनकम टैक्स विभाग से मिला नोटिस 
इंदौर के सुदामा नगर के रहने वाले अंकुर कुमार अवस्थी को 2 मई 2018 को इनकम टैक्स ने नोटिस भेजा, जिसमें लिखा था कि उनके नाम पर बने अकाउंट में करोड़ों रुपए जमा हुए है. उसका टैक्स समय पर जमा नहीं किया गया है. 3 मई 2018 को अंकुर ने बताया वो इनकम टैक्स अधिकारी विधि चौधरी से मिलने पहुंचे और बताया कि उनके नाम से विश्व कल्याण मल्टी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड से 1 जनवरी 2015 को खोले गए बैंक खाते में नवंबर 2016 से दिसंबर 2016 के बीच 2 करोड़ 46 लाख रुपए जमा किए गए है. अंकुर ने बताया कि उन्होंने ऐसा कोई अकाउंट नहीं खोला था. जब मामले की डिटेल बैंक से ली तो पता चला कि उसके पहले एक कंपनी में काम के दौरान मिली सैलरी स्लिप पर लिखे पैन कार्ड नंबर से किसी ने फर्जी खाता खोल दिया.

अज्ञात गिरोह ने खोला था बैंक खाता
पीड़ित ने जब अपनी बैंक डिटेल्स चैक की तो पता चला कि कंपनी से जो उन्हें सैलरी स्लिप मिली है उसपर लिखे पैन कार्ड नंबर से ही खाता खोल दिया गया था. जबकि बैंक ने किसी प्रकार की कोई वैध KYC नहीं की थी और न कोई फोटो आईडी भी लिया. और तो और डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन भी नहीं किया गया था. इससे समझ में आया कि किसी अज्ञात गिरोह ने खाता खोलकर अवैध ट्रांजैक्शन किए है. 

5 साल इंसाफ के चक्कर काटता रहा युवक 
अंकुर कुमार अवस्थी ने पहली शिकायत डीआईजी, एसपी और क्राइम ब्रांच से 16 मई 2018 को लिखित शिकायत भी दर्ज कराई थी. इसपर डीआईजी ने संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर औरंगाबाद को एक पत्र 5 अक्टूबर 2018 को भेजा था.  जिस पर औरंगाबाद पुलिस के अफसर सुभाष खंडागले ने अंकुर को कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ बयान लेने के लिए औरंगाबाद भी बुलाया था. 2 साल बाद 1 जनवरी 2020 को असिस्टेंट कमिश्नर औरंगाबाद क्राइम ने डीआईजी इंदौर को एक लेटर जारी किया गया था, जिसमें स्पष्ट किया कि औरंगाबाद पुलिस की जांच में अपराध विश्व कल्याण मल्टी को- ऑपरेटिव सोसायटी गोवर्धन प्लाजा, शीतला माता मंदिर इन्दौर में अपराध घटित हुआ है, और यह जगह इंदौर के अंतर्गत आती है. ऐसे ही अंकुर पूरे 5 सालों तक थानो के चक्कर लगाता रहा पर न तो काई एफआईआर दर्ज हुई और न ही कोई कार्यवाई की गई. 

एडवोकेट, डॉ. रूपाली राठौड़ का कहना है कि 
औरंगाबाद असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर का डीआईजी इंदौर को जारी लेटर में भी विश्व मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ब्रांच इंदौर में अपराध घटित होना माना है। करोड़ों की इस ब्लैकमनी मिस्ट्री की बारीकी से जांच हो तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है. बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में अंकुर कुमार अवस्थी की जिला कोर्ट इंदौर में दायर याचिका पर की कार्यवाही से अवगत कराने पुलिस कमिश्नर से प्रतिवेदन मांगा गया है. 

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