चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस ने जीतू पटवारी को यूं ही नहीं बनाया PCC चीफ, इन बड़ी वजहों से राहुल ने जताया भरोसा
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चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस ने जीतू पटवारी को यूं ही नहीं बनाया PCC चीफ, इन बड़ी वजहों से राहुल ने जताया भरोसा

Jitu Patwari MP PCC Chief: कांग्रेस ने युवा नेता जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया है, जिसके पीछे कई बड़ी वजहें शामिल हैं. 

राहुल ने जताया जीतू पर भरोसा

Jitu Patwari: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस ने पार्टी में बड़ी सर्जरी की है. करीब 43 सालों से मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दो बड़े चेहरे कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को दरकिनार करते हुए पार्टी ने युवा नेता जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने हार को गंभीरता से लिया है और पार्टी ने पीढ़ी परिवर्तन की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी जीतू पटवारी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी क्यों दी गई, इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. 

जीतू पटवारी मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभालेंगे. जिस पर राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जीतू में हर वह खासियत हैं जो उन्हें राजनीति में आगे ले जाएगी. जीतू पटवारी के पास राजनीति के लिए लंबा समय हैं. जबकि उनकी तेजतर्रार छवि कितने भी मजबूत सत्ता पक्ष को घेरने में काम आ सकती हैं,  ऐसे में कांग्रेस ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपकर भविष्य के संकेत दे दिए हैं. 

कैसे राहुल के करीब आए जीतू पटवारी 

जीतू पटवारी मध्य प्रदेश के उन नेताओं में शुमार हैं, जिनकी राहुल गांधी से करीबी जगजाहिर हैं. एमपी में वह ऐसे नेता हैं जिनकी पकड़ सीधे राहुल से हैं, इसलिए राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हैं कि चुनाव हारने के बाद ही राहुल ने मध्य प्रदेश में जीतू को नई जिम्मेदारी सौंपने का मन बना लिया था. राहुल गांधी ने खुद उन्हें फोन करके प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने की बात कही थी. क्योंकि विधानसभा चुनाव में जीतू पटवारी बड़े अंतर से हारे हैं, इसके बाद भी राहुल ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी ऐसे में यह केवल उनका ही फैसला माना जा रहा है. मंदसौर किसान आंदोलन के दौरान जीतू पटवारी ने ही राहुल गांधी को घटना स्थल तक पहुंचाने का प्लान बनाया था. खुद जीतू बाइक पर लेकर राहुल को पहुंचे थे. जिसके बाद से ही राहुल की उन से करीबी सामने आई थी. राहुल युवा कांग्रेस के समय से जीतू पटवारी को जानते हैं. 

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किसान नेता 

जीतू पटवारी की छवि मध्य प्रदेश में किसान नेता की है, पिछले 10 सालों में उन्होंने मध्य प्रदेश में किसानों से जुड़े हर मुद्दे पर अपनी बात बेबाकी से रखी है. मंदसौर किसान आंदोलन के बाद जीतू पटवारी सबसे ज्यादा एक्टिव रहे थे. इस बार भी विधानसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने गेहूं की एमएसपी तय करने की मांग की थी. मालवा-निमाड़ बेल्ट कृषि प्रधान क्षेत्र हैं, ऐसे में राहुल मालवा-निमाड़ समेत पूरे प्रदेश में किसान नेता के तौर पर जाने जाते हैं, इसलिए राहुल गांधी ने उन्हें पीसीसी चीफ की जिम्मेदारी दी है. क्योंकि कांग्रेस की राजनीति मध्य प्रदेश में हमेशा किसानों के इर्द-गिर्द रही है. जिसमें जीतू सबसे फिट बैठते हैं. 

युवा होने का फायदा 

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अब तक मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जिम्मेदारियां संभालते आ रहे थे. लेकिन ये दोनों ही नेता 70 साल से ज्यादा के हो गए हैं. लेकिन जीतू पटवारी फिलहाल 50 साल से भी कम उम्र के हैं. ऐसे में कांग्रेस ने पीढ़ी परिवर्तन करते हुए उन्हें आगे किया है, क्योंकि जीतू को राजनीति में लंबी रेस का घोड़ा माना जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस ने जिस-जिस राज्य में युवा नेताओं को जिम्मेदारी वहां परिणाम सकारात्मक मिले हैं, रेवंत रेड्डी इसका सबसे बड़े उदाहरण हैं. ऐसे में कांग्रेस मध्य प्रदेश में भी यह संदेश देना चाहती है कि उनके पास चेहरों की कमी नहीं है और वह युवा लीडरशिप पर भरोसा करती है. खास बात यह है कि कांग्रेस के तीनों चेहरे पीसीसी चीफ, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष बीजेपी की लीडरशिप से ज्यादा युवा हैं. 

भाजपा को घेरने में सबसे आगे, सरकार बचाने में लगाया दम 

2013 में जीतू पटवारी पहली बार विधायक चुने गए थे. लेकिन 2008 से ही युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही भाजपा को घेरने में सबसे आगे रहे हैं, जीतू पटवारी जब विधानसभा में पहुंचे तब भी उनके तेवर हमेशा बीजेपी के लिए परेशानी का सबब रहे. 2019 में जब कमलनाथ सरकार गिरी तो उसे बचाने में भी जीतू पटवारी ने पूरा दम लगाया. वह बेंगलुरू तक गए और बागी विधायकों को वापस लाने की पूरी कोशिश में जुटे रहे, यानि जीतू ने हर मोर्चे पर बीजेपी से लड़ाई लड़ी है. ऐसे में आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक आक्रमक चेहरे की जरुरत थी. जिसमें जीतू सबसे खरे उतरे हैं. 

मालवा-निमाड़ से आते हैं जीतू 

जीतू पटवारी मालवा-निमाड़ अंचल से आते हैं, बीजेपी ने इसी अंचल से आने वाले मोहन यादव को सीएम बनाया है, ऐसे में बीजेपी की काट के लिए पार्टी ने मालवा-निमाड़ से ही आने वाले जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर यह मैसेज देने की कोशिश की है कि मालवा-निमाड़ कांग्रेस के लिए भी सबसे ज्यादा अहमियत रखता है. माना यह भी जा रही है कि जीतू पटवारी लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस बीजेपी को उसी के जाल में फंसाना चाहती है. 

जातिगत समीकरण में फिट 

जीतू पटवारी प्रदेश की राजनीति में जातिगत समीकरणों में भी फिट बैठते हैं, वह ओबीसी वर्ग से आते हैं, बीजेपी ने इसी वर्ग के मोहन यादव को सीएम बनाया है, ऐसे में पार्टी ने इसी वर्ग से आने वाले जीतू को आगे किया. इसके अलावा बीजेपी ने जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला को डिप्टी सीएम बनाया है, जिसके जवाब में बीजेपी ने आदिवासी वर्ग से आने वाले उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया, जबकि ब्राह्मण वर्ग से आने वाले हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाकर जातिगत समीकरण साधे हैं. 

कुल मिलाकर कांग्रेस विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब लोकसभा चुनाव को आगे आकर लड़ने की तैयारी में है. इसलिए पार्टी हर वर्ग का संतुलन बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है. जिसमें जीतू पटवारी कांग्रेस के लिए बड़ा चेहरा हो सकते हैं. 

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