Dhanteras Yam Ka Diya: दिवाली के दो दिन पहले मनाए जाने वाले धनतेरस के त्यौहार के दिन मां लक्ष्मी और कुबेर भगवान की शाम को पूजन के साथ यमराज की पूजा करने का भी विधान है. इस दिन शाम के समय एक चौमुखा दीपक दक्षिण दिशा में जलाया जाता है, जिसे यम का दीपक कहते हैं. यम को मृत्यु और न्याय का देवता कहा जाता है.
दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन शाम के समय लक्ष्मी माता और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है.
धनतेरस के दिन दिन प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का प्रचलन काफी लंबे समय चलते आ रहा है.
इस दीपक में रात के समय तेल डालकर चार बत्तियां जलाई जाती हैं और दीपक को हमेशा दक्षिण दिशा में रखा जाता है.
कहा जाता है कि यम दक्षिण दिशा के स्वामी हैं और उनके नाम से धनतेरस के दिन दीपक जलाकर घर में सुख-शांति और आरोग्य की कामना की जाती है.
धनतेरस के दिन आटे का चौमुखा दिया बनाकर या मिट्टी के दिये में चारों ओर बाती रखें और उसमें सरसों का तेल से पूरे तरह भर दें.
इसके बाद दिया को घर की दक्षिण दिशा की ओर मुख करके रख दें और जलाएं, इसके साथ ही यम के मंत्र का जाप करना चाहिए.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टी नहीं करता है.
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