MP का गजब चायवाला! 1 या 2 नहीं, लड़ चुका 27 चुनाव, खुद को बताया PM मोदी से इंस्पायर
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MP का गजब चायवाला! 1 या 2 नहीं, लड़ चुका 27 चुनाव, खुद को बताया PM मोदी से इंस्पायर

Lok Sabha Election: दुनिया में लोगों के अजब-गजब शौक हैं. कई खाने का शौकीन है तो कोई घूमने का शौकीन है. हालांकि, मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ऐसे शख्स हैं, जिन्हें चुनाव लड़ने का जुनून चढ़ा हुआ है. वे अब तक कुल 27 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं.

 

MP का गजब चायवाला! 1 या 2 नहीं, लड़ चुका 27 चुनाव, खुद को बताया PM मोदी से इंस्पायर

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में एक चायवाला 27 चुनाव लड़ चुका है. वह पार्षद से लेकर लोकसभा चुनाव किस्मत आजमा चुका है. दुनिया भर में अजीबो-गरीब चीजों के शौक पाले हुए लोग देखने को मिलते हैं. कई लोग ट्रैवलिंग के शौकीन होते हैं तो कई लोग खाने-पीने के शौकीन देखने को मिलेंगे. कई लोग अपने शौक को पूरा करने के लिए किसी भी हद से गुजर जाते हैं. ऐसा ही शौक या कहें जुनून ग्वालियर के एक चाय वाले को चुनाव लड़ने का है. 

ग्वालियर में एक चायवाले को चुनाव लड़ने का ऐसा शौक और जुनून है कि वह 1 या 2 नहीं, बल्कि अब तक पूरे 27 बार चुनाव लड़ चुका है. वह वार्ड पार्षद से लेकर विधानसभा, मेयर और लोकसभा तक चुनाव लड़ चुका है. ये बात अलग है कि हर चुनाव में उनकी जमानत जब्त होती आई है. यह दिलचस्प चायवाले ग्वालियर की समाधिया कॉलोनी के पास रहने वाले आनंद कुशवाहा हैं.

नीचे दुकान और ऊपर मकान
चायवाले आनंद कुशवाहा बताते हैं कि समाज में उनका उठना बैठना था. 1994 में उन्होंने पहली बार पार्षद का चुनाव लड़ने का मन बनाया. उसी चुनाव में पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा भी पार्षद का चुनाव लड़ रहे थे. ऐसे में सामाजिक समन्वय के लिए आनंद कुशवाहा ने अपना नाम वापस ले लिया, लेकिन कुछ वक्त में नारायण सिंह के तेवर बदल गये और उन्होंने आनंद कुशवाह चाय वाले से ऐसे कुछ शब्द कह दिए जो उनके दिल में घर कर गये और उन्होंने उसी वक्त फैसला कर लिया कि अब वे हर हाल में हर चुनाव लड़ेंगे.

30 साल से लड़ रहे चुनाव
आनंद कुशवाहा ने बताया कि वे पिछले तीस वर्षों से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने पार्षद से लेकर महापौर, विधायक और सांसद तक का चुनाव हर बार लड़ा है. उन्होंने 2007 से 2022 तक राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भी फॉर्म भरा था, लेकिन कागजों की कमी से चुनाव नहीं लड़ सके. आनंद अब तक कुल 27 चुनाव लड़ चुके हैं और अब एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयारी कर ली है. नामांकन शुरू होते ही वे अपना नामांकन फार्म जमा कराएंगे. अपनी छोटी सी दुकान की बचत से ही वे चुनाव लड़ने का खर्च निकालते हैं. 

हर बार मिलते हैं 100-200 वोट
आनंद के इतने चुनाव लड़ने के बाद भी कोई सफलता हासिल नहीं हुई. हर बार चुनाव में 100-200 वोट ही मिलते हैं. हर बार उनकी जमानत भी जब्त होती है, लेकिन आनंद कुशवाहा को इस बात का कोई मलाल नहीं है. वह कहते हैं कि मेरा संकल्प नारायण सिंह कुशवाह को हराना था. 2018 में ये संकल्प पूरा हो गया था. वे करीब 121 वोट से हारे थे और 121 ही वोट मुझे मिले थे. आनंद ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपने आप को एक चाय वाला बताते हैं और प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो आनंद कुशवाह भी उसी राह पर चल कर उनको उम्मीद है. कभी ना कभी वार्ड पार्षद का ही चुनाव जीत जाएं.े

रिपोर्ट: प्रदीप शर्मा, ग्वालियर

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