Election 2024: जेलों में चुनावों का असर! ओवरलोड हुआ खंडवा का जननायक टंट्या भील जिला जेल; ऐसे हो रहा एडजस्टमेंट
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Election 2024: जेलों में चुनावों का असर! ओवरलोड हुआ खंडवा का जननायक टंट्या भील जिला जेल; ऐसे हो रहा एडजस्टमेंट

Khandwa Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनावों के कारण जेलों में कैदियों की संख्या बढ़ने लगी है. गुंडे, बदमाशों को जेलों में भेजा जा रहा है जिस कारण जेल अब फुल हो रहे हैं. ऐसा ही हाल है खंडवा जेल का. आइये जानें कैसे हो रहा है मैनेजमेंट

Election 2024: जेलों में चुनावों का असर! ओवरलोड हुआ खंडवा का जननायक टंट्या भील जिला जेल; ऐसे हो रहा एडजस्टमेंट

Lok Sabha Election 2024: खंडवा। लोकसभा चुनाव मतदान शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए अपराधियों पर पुलिस कार्रवाई लगातार जारी है. निगरानी सुदा गुंडे, बदमाशों और गंभीर अपराधियों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई हो रही है. यही कारण है कि खंडवा जिला जेल फुल हो गया है. यहां 200 कैदियों की क्षमता है लेकिन लगभग 650 कैदी इन दिनों रखे गए हैं. अब स्थिति ये बन गई है कि रिहाई के बाद ही नए बंदी लिए जा रहे हैं.

जेल पर ओवरलोड
खंडवा में शहीद जननायक टंट्या भील जिला जेल है. यहां खंडवा और  बुरहानपुर जिले के कैदियों को रखा जाता है. इस जेल में यहां 12 महिला और 196 पुरुष बंदी सहित कुल 208 बंदियों को रखे जाने की क्षमता है. लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद से ही गुंडे बदमाशों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है. ऐसे में ये जेल ओवरलोड वाली स्थिति से गुजर रहा है.

रोज आ रहे 20 नए बंदी
जननायक टंट्या भील जिला जेल में हर दिन खंडवा और बुरहानपुर जिलों से औसतन 20 नए बंदी आ रहे हैं. इसलिए यहां दबाव बढ़ गया है. 208 की क्षमता के मुकाबले आंकड़ा 650 के आसपास पहुंच गया है. स्थिति ये हो गई है कि हर दिन जमानत वाले या सजा पूरी करने वाले बंदियों की रिहाई के बाद नए बंदी लिए जा रहे हैं.

एडजस्ट हो रहे कैदी
क्षमता से अधिक बंदी को रखने के लिए जेल की बैरकों के स्लैब यानी चबूतरों को हटा दिया गया है जिससे अधिक जगह बन सके और ज्यादा बंदियों को यहां रखा जा सके. हालांकि जेल की क्षमता बढ़ाने के लिए नए  बैरक बन रहे है लेकिन अभी वह पूरी तरह से तैयार नहीं हुए हैं. इसलिए जेल प्रशासन को क्षमता से अधिक कैदियों को एडजस्ट करना पड़ रहा है.

अब तक हुई कार्रवाई के आंकड़े
चुनाव की पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से हो इसके लिए पुलिस सख्त है. आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 4 हजार से ज्यादा बदमाशों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है. निगरानी शुदा बदमाशों, स्थाई वारंटियों को ढूंढ-ढूंढ कर जेल पहुंचाया जा रहा है. अभी तक 13 लाख रुपए से ज्यादा की शराब पकड़ने के साथ ही 42 मामले अवैध शस्त्र के बने हैं. 500 से ज्यादा गिरफ्तारी वारंट भी तामिल कराए गए हैं.

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