मध्यप्रदेश: अस्पताल से नहीं मिला एंबुलेंस तो खाट से शव ले जाने को होना पड़ा मजबूर
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh333870

मध्यप्रदेश: अस्पताल से नहीं मिला एंबुलेंस तो खाट से शव ले जाने को होना पड़ा मजबूर

मध्यप्रदेश के सिहोर से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर आई है जहां एक मृत व्यक्ति को अस्पताल से खाट पर ले जाने को मजबूर होना पड़ा.

मध्यप्रदेश के सिहोर में शव को खाट पर लेकर जाते ग्रामीण. (फोटो : एएनआई)

भोपाल: मध्यप्रदेश के सिहोर से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर आई है जहां एक मृत व्यक्ति को अस्पताल से खाट पर ले जाने को मजबूर होना पड़ा. वहीं अथॉरिटी ने अपनी सफाई में कहा कि भारी बारिश के बाद जलभराव की वजह से एंबुलेंस भेजने में देरी हुई.

इससे पहले 10 जुलाई को झारखंड में भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहां एंबुलेंस न मिलने पर शरीर पर लादकर शव को ले जाना पड़ा था. जबकि ऐसे ही एक अन्य मामले में छत्तीसगढ़ में बेटी के शव को एंबुलेंस नहीं मिलने पर पिता को ठेले का सहारा लेना पड़ा था.

झारखंड : एंबुलेंस न मिलने पर शरीर पर लादकर ले गए शव

झारखंड में बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था का नमूना तब सामने आया, जब प्रदेश के चतरा जिले में अस्पताल द्वारा एंबुलेंस देने से इनकार करने पर एक व्यक्ति तथा उसकी भाभी को अपने परिजन के शव को खुद अपने शरीर पर लादकर घर ले जाना पड़ा. सोमवार (10 जुलाई) को मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, चतरा जिले के सिदपा गांव में राजेंद्र उरांव को सांप ने काट लिया था.

उसे इलाज के लिए चतरा जिला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार (9 जुलाई) को उसने दम तोड़ दिया.
स्थानीय लोगों का कहना है कि वक्त पर इलाज शुरू नहीं किया गया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया कराने की मांग की, लेकिन इनकार कर दिया गया.

छत्तीसगढ़: बेटी के शव को नहीं मिला एंबुलेंस, ठेले का सहारा

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में अस्पताल प्रबंधन ने आग से झुलसकर मरीज की मौत हो जाने के बाद शव परीक्षण के बाद शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की, और पिता को बेटी का शव ठेले पर रखकर ले जाना पड़ा. 

सोशल मीडिया पर सोमवार (3 जुलाई) को इस घटना की तस्वीरें वायरल हुईं तो प्रशासन ने स्वत: संज्ञान लिया और मामले की जांच के निर्देश राजनांदगांव एसडीएम को दिया गया. कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई. कलेक्टर ने अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त करने की प्रबंधन को हिदायत दी.

कथित तौर पर विकासखंड छुरिया के ग्राम बखरूटोला निवासी एक छात्रा ने शनिवार (1 जुलाई) को आग लगाकर खुदकुशी कर ली थी. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जा सका, जिसके कारण परिजनों को हाथ ठेले पर छात्रा का शव लेकर घर जाना पड़ा.

सूत्रों के अनुसार, अस्पताल से डेढ़ किलोमीटर दूर तक ठेले पर शव लेकर निकलने के बाद प्रबंधन को होश आया और आनन-फानन में एंबुलेंस भेजा गया. अस्पताल प्रबंधन के इस रवैए से नाराज परिजनों ने सरकारी एंबुलेंस से शव ले जाने से इंकार कर दिया और वे निजी एंबुलेंस से शव लेकर गांव की ओर रवाना हुए.

Trending news