उधर मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिए पर BJP में मची खींचतान, इधर कांग्रेस ने सिंधिया को लेकर कर दिया ये इशारा
मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिए जाने को लेकर BJP में खींचतान नजर आ रही है. इसको लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है. पढ़िए पूरी खबर...
भोपाल: बीजेपी द्वारा मंत्रियों को जिलों का प्रभार न दिए जाने का मामला सूबे की सियासत में नई जुबानी जंग को जन्म दे रहा है. इस मामले को लेकर हाल ही में बीजेपी के कद्दावर नेता और वरिष्ठ विधायक अजय विश्रनोई ने सीएम शिवराज से दखल देने की मांग की थी. इसके बाद अब बीजेपी पूर्व मंत्री हरिशंकर खटीक ने मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने की वकालत की है. पार्टी कार्यकर्ताओं के बहाने पूर्व मंत्री हरिशंकर खटीक ने कहा कि कार्यकर्ताओं की मांग के आधार पर जल्दी से जल्दी मंत्रियों को जिलों के प्रभार दिए जाएं.
बीजेपी नेता हरिशंकर खटीक ने कहा कि कार्यकर्ताओं के माध्यम से बात आती है कि हमारा प्रभारी मंत्री कौन बनेगा, तो हम कहते हैं कि जल्दी मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे और आपकी समस्याओं का निदान भी होगा. खटीक ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का यह विशेष अधिकार है कि कौन से मंत्री को किस जिले का प्रभार देना है. वे जल्द ही यह निर्णय भी लेगें.
कांग्रेस ने साधा निशाना
लगातार इस मामले को उठाए जाने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर निशान साधा. कांग्रेस नेता अजय सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश में 10 महीने बाद भी मंत्रियों को जिलों का प्रभार नहीं दिया गया है. इससे बीजेपी कार्यकर्ताओं में असंतोष है. अजय यादव का कहना है कि ऐसा लग रहा है जैसे सिंधिया को इलाका लीज पर दे दिया है. प्रभारी मंत्री नही होने से जिला योजना समिति नही बनी. सिंधिया सभी जिलों में कब्जा जमाना चाहते हैं. इसलिए बीजेपी में खींचतान मची है और जनता परेशान है.
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बीजेपी ने कही ये बात
कांग्रेस के आरोपों पर मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह विशेष अधिकार है कि वह अपने किस मंत्री को कौन से जिले का प्रभार देना चाहते हैं और वह जल्द ही जिलों का प्रभार मंत्रियों को देंगे.
क्या है पूरा मामला
मध्यप्रदेश की सत्ता में लौटी भाजपा सरकार 10 महीने बीत जाने के बाद भी मंत्रियों को अब तक जिलों के प्रभार नहीं दे पाई है. उम्मीद जताई जा रही थी कि उपचुनाव के नतीजों के बाद मंत्रियों को जिलों के प्रभार सौंप दिए जाएंगे, लेकिन ढाई महीने बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई फैसला नहीं किया गया. ऐसे में भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं में असंतोष पनप रहा है, जिला योजना समिति की बैठक भी बंद है.
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को चौथी बार प्रदेश की कमान संभाली थी. उस वक्त प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला था. सीएम पद की शपथ लेने के करीब सवा महीने बाद उन्होंने एक छोटी कैबिनेट का गठन किया था और मंत्रियों को दो-दो संभागों का प्रभार दिया था. अब सरकार बने करीब 10 महीने हो चुके हैं. ऐसे में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा मंत्रियों की जिलों का प्रभार दिए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.
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