मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए शिवराज सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. अब सिर्फ मध्य प्रदेश के बच्चों को ही सरकारी नौकरी मिलेगी. दूसरे राज्यों के आवेदकों को किसी तरह की सरकारी नौकरी में तरजीह नहीं दी जाएगी. सीएम शिवराज ने बैठक में इसकी घोषणा की.
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भोपाल: मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए शिवराज सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. अब सिर्फ मध्य प्रदेश के बच्चों को ही सरकारी नौकरी मिलेगी. दूसरे राज्यों के आवेदकों को किसी तरह की सरकारी नौकरी में तरजीह नहीं दी जाएगी.
सीएम शिवराज ने बैठक में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक कानून बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के संसाधन मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए हैं. इसलिए सरकारी नौकरी भी उनका ही हक होना चाहिए.
सीएम शिवराज ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 15 अगस्त 2020 के अपने उद्बोधन में की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए.
मेरे प्रिय प्रदेशवासियों, अपने भांजे-भांजियों के हित को ध्यान में रखते हुए हमने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश में शासकीय नौकरियाँ अब सिर्फ मध्यप्रदेश के बच्चों को ही दी जाएंगी।
इसके लिए आवश्यक कानूनी प्रावधान किया जा रहा है। प्रदेश के संसाधनों पर प्रदेश के बच्चों का अधिकार है! pic.twitter.com/DSEzapjIvG
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 18, 2020
वीडी शर्मा ने फैसले को बताया स्वागतयोग्य
इस फैसले पर BJP प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्णय को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला स्वागतयोग्य है. वीडी शर्मा ने कहा कि इस फैसले से मप्र के जवानों में अपार उत्साह है. मैं मुख्यमंत्री की पूरी सरकार और कैबिनेट को बधाई देता हूं.
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दिग्विजय सिंह ने की थी मांग
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों शिवराज सिंह चौहान से मांग की थी कि मध्य प्रदेश में शासकीय सेवाओं में यहां के युवाओं को ही लिया जाए. उन्होंने कहा था युवा संकट काल में बेरोजगार होते जा रहे हैं. कांग्रेस की मांग है कि मप्र में सरकारी नौकरी उन्हें ही मिले जिन्होंने प्रदेश में 10वीं की परीक्षा पास की हो.
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में युवाओं की मदद के लिए नियम बनाया था कि वो ऐसे बच्चों को सरकारी नौकरी देंगे जिन्होंने 10वीं और 12वीं प्रदेश से पास की हो. लेकिन भाजपा ने इस नियम को बदल दिया था.