CG: निजी अस्पतालों में नाबालिगों को लगा कोरोना का टीका, CHMO ने अस्पतालों को दी चेतावनी
CMHO डॉ. मीरा बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि वैक्सीनेशन की निगरानी कर रहे अधिकारियों से पता चला है कि निजी अस्पतालों में ऐसे लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है जो इसके पात्र नहीं है. इनमें 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को टीका लगाने की जानकारी भी पोर्टल से मिली है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ में वैक्सिनेशन (Vaccination) अभियान में कुछ निजी अस्पतालों में नाबालिगों को भी टीका लगाए जाने का मामला सामने आया है. मामला संज्ञान में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच कराई जा रही है. इधर, रायपुर की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मीरा बघेल ने निजी अस्पतालों को पत्र लिखकर चेतावनी दी है.
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CMHO डॉ. मीरा बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि वैक्सीनेशन की निगरानी कर रहे अधिकारियों से पता चला है कि निजी अस्पतालों में ऐसे लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है जो इसके पात्र नहीं है. इनमें 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को टीका लगाने की जानकारी भी पोर्टल से मिली है. जो कि केंद्र सरकार की तरफ से जारी वैक्शीनेशन के दिशा-निर्देशों के उलट है.
CMHO डॉ. मीरा बघेल ने लिखा कि समस्त निजी चिकित्सालय, जहां कोविड-19 टीकाकरण केंद्र बनाने की अनुमति दी गई है. वे कोविड-19 केंद्रों में सत्र का संचालन जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप वैक्सिनेशन करें. अगर किसी भी निजी चिकित्सालय द्वारा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते पाया तो उसके टीकाकरण की अनुमति को समाप्त कर दी जाएगी. साथ ही उसके खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. वहीं, इस पत्र में अप्रशिक्षित अस्पताल कर्मियों द्वारा भी टीका लगाए जाने का जिक्र किया गया है.
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आपको बता दें कि प्रदेश में इस समय फ्रंट लाइन वर्कर जैसे- स्वास्थ्य कर्मियों, मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, राजस्व पुलिस और नगरीय निकायों के कर्मचारियों को टीकाकरण किया जा रहा है. इनमें कई लोगों को टीके का दूसरा डोज भी दिया जा रहा है. ऐसे में 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को टीका लगाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया. इससे सरकार और स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै ने विभाग को मामले की जांच का आदेश जरूर दिया है.
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