50 साल बाद अक्षय तृतीया पर बन रहा विशेष संयोग, जानिए शुभ मुहुर्त और पूजा विधि
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया त्यौहार का बहुत महत्व है. इस दिन लोग महत्वपुर्ण कार्य गृह प्रवेश, मकान, दुकान, वाहन इत्यादि का शुभारंभ करना शुभ मानते हैं. आइए जानते हैं कब है अक्षय तृतीया का पर्व और किस विधि से करें पूजा ?
शुभम शांडिल्य/नई दिल्लीः (Akshaya Tritiya 2022) हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है, अक्षय तृतीया के शुभ मुहुर्त में सभी तरह के मांगलिक कार्य किए जाते हैं. धार्मिक मान्यता अनुसार इस दिन शुरू किया गया कोई भी शुभ कार्य आसानी से संपन्न होता है, इसको सर्वमान्य तिथि भी कहा जाता है. मान्यता अनुसार जो व्यक्ति इस दिन सोना खरीदता है, उस पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और उसके जीवन में खुशहाली बरकरार रहती है. इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 3 मई को है, खास बात यह है कि इस बार अक्षय तृतीया पर 50 साल बाद ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं अक्षय तृतीया का शुभ मुहुर्त, महत्व और पूजा विधि.
50 वर्षों बाद बन रहा ऐसा संयोग
प्रत्येक वर्ष बैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को विशेष मुहूर्त होता है, इसे अक्षय तृतीया के नाम से भी जानते हैं. हिंदू धर्म में इस दिन कोई भी नया कार्य शुरू करने का विशेष मुहूर्त होता है. ज्योतिषों की मानें तो इस बार अक्षय तृतीया मंगलवार के दिन मनाया जाएगा, इस दिन रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग की वजह से मंगल रोहिणी योग बन रहा है.
इस दिन चार बड़े राशि उच्च स्थिति में होंगे, अक्षय तृतीया के दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ, शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में, शनि अपनी स्वराशि कुभं में जबकि बृहस्पति अपनी स्वराशि मीन में मोजूद होंगे. इस तरह के संयोग 50 वर्षों के बाद देखने को मिलेंगे जिसकी वजह से इस बार की अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है.
अक्षय तृतीया पूजा विधि
अक्षय तृतीया के दिन बहुत से लोग व्रत रहते हैं. इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने के बाद पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराना चाहिए. जिसके बाद भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल और तुलसी का पत्ता चढ़ाते हुए विधि-विधान से पूजा करना चाहिए. मान्यता है कि इस शुभ मुहूर्त में विष्णु सहस्तरनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन पूजा करने के साथ रुद्राक्ष की माला से एक माला यानी 108 बार "ऊँ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्" का जाप करना विशेष फलदायी होता है.
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ज्योतिषों की माने तो इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से समस्त दुःखों से छुटकारा मिलता है और जीवन सुख और वैभव में गुजरता है.
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अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया के दिन सोने के आभूषण खरीदना बेहद शुभ माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन सोने के आभूषण खरीदने से पूरे साल धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है. शास्तों की माने तो अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म हुआ था. इस दिन किसान भुमि पूजन कर मां लक्ष्मी से धन धान्य की कामना करते हैं और खेतों की जुताई बुवाई शुरु करते हैं. इतना ही नहीं अक्षय तृतीया के दिन मकान निर्माण, नया कारोबार, गाड़ी खरीदना, जमीन लेने जैसे महत्वपुर्ण काम करना बेहद शुभ माना जाता है.
disclamer: उपरोक्त दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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