Love Story: सात समंदर पार कर भारत पंहुचा ऑस्ट्रेलियाई दूल्हा, इस कारण दो बार रचाई तबस्सुम और ऐश ने शादी
MP News: आपने ऐसा इश्क देखा है जो समंदर पर पुल बना दे, जो पत्थर चीर के पानी बहा दे.. नहीं तो देखिए मध्यप्रदेश के धार जिले में जहां पर सात समंदर पार से आए ऑस्ट्रेलियाई दूल्हे ने धार जिले की मनावर की रहने वाली तबस्सुम से शादी रचाई और वो भी एक नहीं दो बार
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MP Unique Marriage: कहते हैं कि इश्क अगर सच्चा हो तो वो सारी हदों को तोड़ देता है. इश्क ऐसा कि समंदर पर पुल बना दे, इश्क ऐसा कि पत्थर चीर के पानी बहा दे, बिल्कुल ऐसा ही इश्क मध्यप्रदेश के धार जिले में देखने को मिला जहां पर सात समंदर पार से आए एक युवक ने धार जिले की मनावर की रहने वाली एक युवती के साथ शादी रचाई और शादी होने के बाद ये चर्चा का विषय बन गया. आखिर क्यों हो रही है इस शादी की चर्चा. क्या है इसकी वजह यहां पढ़िए
ऐसे शुरू हुई तबस्सुम और ऐश की लव स्टोरी
तबस्सुम मध्यप्रदेश के धार जिले के मनावर की रहने वाली हैं. इनके पिता साइकिल रिपेयरिंग का काम करते हैं. अब आपके मन में ऐसा भी विचार आ रहा होगा कि साइकिल रिपेयरिंग का काम करने वाले पिता की लड़की की शादी ऑस्ट्रेलियाई लड़के के साथ कैसे हो सकती है. हम आपको बताते हैं कि कैसे हकीकत में तब्दील हुई ये कहानी. ये बात साल 2016 की है जब तबस्सुम को मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 45 लाख रूपए स्कॉलरशिप के रुप में दी गई थी. इसके बाद साल 2017 में तबस्सुम ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन चली गई और पढ़ाई के दौरान ही उन्हें ऐश हॉन्सचाईल्ड से प्रेम हो गया, जिसके बाद तबस्सुम और ऐश हॉन्सचाईल्ड ने बीते 2 अगस्त को ब्रिसबेन में ही कोर्ट मैरिज कर ली, लेकिन ऐसी क्या वजह रही जिसकी वजह से दोनों ने फिर से की शादी. आइए जानते हैं.
मेहमाननवाजी से भारत में बसा ऐश हॉन्सचाईल्ड का दिल
तबस्सुम से शादी करने के बाद ऐश हॉन्सचाईल्ड अपनी मां जेनिफर पैरी के साथ तबस्सुम के परिवार वालों से मिलने के लिए उनके पैत्रिक निवास धार जिले के मनावर आए और यहां पर आवभगत से ऐश हॉन्सचाईल्ड इतना ज्यादा खुश हुए कि उनका दिल भारत देश में बस गया और उन्होने तबस्सुम और उनके परिवार वालों के सामने भारतीय रीति-रिवाज से शादी करने प्रस्ताव रखा, जिसको स्वीकार करते हुए दोंनो ने भारतीय रीति-रिवाजों के साथ फिर से शादी की.तबस्सुम के भाई रेहन हुसैन के मुताबिक ऐश को पोहा-जलेबी, दाल-बाफले और निमाड़ का खाना बहुत ही ज्यादा पसंद आया और उन्होंने कहा कि भारत में यह मेरी दूसरी यात्रा है. भारत एक जिंदादिल देश है यहां की वादियां बहुत ही खूबसूरत है और मनावर सबसे ज्यादा ज्यादा प्यार करने वाला है. साल 2020 में जर्मनी की एक कंपनी में तबस्सुम को स्कॉलरशिप के रूप में करीब 74 लाख रुपए मिले थे और वो इसी कंपनी में अब सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत है.
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