केयरटेकर के फोन में छुपा था भय्यू महाराज की मौत का राज, पुलिस ने इस तरह किया खुलासा
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केयरटेकर के फोन में छुपा था भय्यू महाराज की मौत का राज, पुलिस ने इस तरह किया खुलासा

12 जून 2018 को भय्यू महाराज ने खुद को गोली मार ली थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी. 

केयरटेकर के फोन में छुपा था भय्यू महाराज की मौत का राज, पुलिस ने इस तरह किया खुलासा

इंदौरः एमपी के बहुचर्चित भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में इंदौर की जिला कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है. इस मामले में कोर्ट ने भय्यू महाराज की केयरटेकर पलक, मुख्य सेवादार विनायक और शरद को दोषी पाया है. कोर्ट ने सभी को 6-6 साल की सजा सुनाई है. पुलिस ने बताया कि घरेलू परेशानी के चलते भय्यूजी महाराज ने आत्महत्या का कदम उठाया था. जिसमें केयरटेकर पलक को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. 

पलक के फोन से खुला राज 
दरअसल, इस चर्चित आत्महत्या मामले का खुलासा भय्यू महाराज की केयरटेकर पलक के फोन से हुआ. केयरटेकर पलक, मुख्य सेवादार विनायक और शरद ने ही महाराज को आत्महत्या के लिए उकसाया था. जिसका खुलासा पुलिस ने ड्राइवर कैलाश पाटील से पूछताछ के आधार पर किया. 

कैलाश पाटील भय्यू महाराज का ड्राइवर था, जिस पर वकील निवेश बड़जात्या को धमकाने का केस दर्ज हुआ था. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि  वह कई बार पलक को गाड़ी से आश्रम और घर ले जाया करता था. इस दौरान पलक विनायक और शरद से लगातार बातचीत करती थी. जिसकी जानकारी उसे थी. जब कैलाश ने यह बात पुलिस को बताई तो पुलिस ने एक्शन लिया. 

इस तरह हुआ खुलासा 
पुलिस ने कैलाश पाटील के 40 से ज्यादा बार बयान लिए, इसके अलावा पलक, विनायक शरद के करीब 8 मोबाइल का डेटा रिकवर कराया, इन मोबाइल फोन में निकली हिस्ट्री से यह बात सामने आई कि तीनों भय्यूजी महाराज को आत्महत्या के लिए उकसा रहे थे. पुलिस के वकील गजराज सिंह सोलंकी ने बताया कि इस मामले में भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी की गवाही भी अहम साबित हुई जिसके आधार पर तीनों आरोपियों पर शिकंजा कसा गया. 

12 जनवरी को भय्यू महाराज ने की थी आत्महत्या 
दरअसल, गृहस्थ संत भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 खुद को कमरे में बंद कर लिया था. फिर कुछ देर बाद उनके कमरे से गोली चलने की आवाज आती है. इस घटना पर तत्कालीन डीआईजी हरिनारायणचारी ने बताया था कि मंगलवार को भय्यू महाराज इंदौर के सिल्वर स्प्रिंग्स स्थित घर पर थे. पत्नी डॉ. आयुषी ने पुलिस को बताया, 'मंगलवार को हर दिन की तरह भय्यू महाराज रोजाना की तरह तड़के करीब पांच बजे जाग गए थे. उन्होंने सुबह योग-ध्यान भी किया था. आयुषी ने बताया नहाने के बाद हल्का नाश्ता किया उसी वक्त खाने में कटहल की सब्जी खाने की इच्छा जताई. इसके बाद आयुषी ने मार्केट से कटहल मंगवाकर पकाया. खाना तैयार कर वह कॉलेज चली गईं. जाते-जाते उन्होंने भय्यूजी महाराज से कहा कि कटहल की सब्जी बन गई है, टाइम से लंच कर लें.

कॉलेज से लौटने के बाद डॉ. आयुषी ने पहले बच्ची को खाना खिलाया. इसके बाद नौकरों से पूछा- गुरुजी कहां हैं. नौकर बोले- किसी कमरे में हैं. आयुषी कई कमरों में गईं, लेकिन भय्यूजी महाराज नहीं मिले. बाथरूम तक में जाकर देख लिया. फिर ज्यादातर बंद रहने वाले एक कमरे में जाकर देखा. दरवाजा अंदर से बंद था. खटखटाया. कोई हलचल नहीं. मैंने जोर से आवाज लगाकर नौकरों को बुलाया. नौकर दौड़ते हुए आए. इसके बाद दरवाजा तोड़ा गया, तो भय्यूजी महाराज पड़े दिखे. चारों तरफ खून फैला हुआ था. आनन-फानन में अस्पताल पहुंचा गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. 

महाराज को लगातार धमका रही थी केयरटेकर पलक
पुलिस ने बताया कि महाराज की केयरटेकर पलक उन्हें लगातार धमका रही थी. मौत की घटना के सात महीने बाद उनके दो विश्वस्त सहयोगियों-विनायक दुधाड़े और शरद देशमुख के साथ एक पलक को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक भय्यू महाराज के नजदीक रही यह युवती आपत्तिजनक चैट और अन्य प्राइवेट चीजों के बूते उन पर शादी के लिये कथित रूप से दबाव बना रही थी, जबकि आध्यात्मिक गुरु पहले से शादीशुदा थे. महाराज आरोपित पलक को डेढ लाख रुपये महीना भिजवाते थे, लेकिन वह ढाई लाख चाहती थी. इसी को लेकर वह लगातार महाराज को धमका रही थी, जिसमें विनायक और शरद भी उसका साथ दे रहे थे. 

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