चंबल के लाल का कमाल! गोलियों की गूंज के बीच बना IES, जानिए सफलता की कहानी
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चंबल के लाल का कमाल! गोलियों की गूंज के बीच बना IES, जानिए सफलता की कहानी


SUCCESS STORY: भिंड के सामान्य परिवार के दो छात्रों ने UPSE द्वारा कराए गए IES एग्जाम पास आउट कर सबको चौका दिया है, एक छात्र ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तो दूसरे ने छब्बीसवां स्थान प्राप्त कर देशभर में जिले का नाम रोशन किया है. आइए जानते हैं इनकी सफलता की कहानी...

चंबल के लाल का कमाल! गोलियों की गूंज के बीच बना IES, जानिए सफलता की कहानी

प्रदीप शर्मा/भिंडः मध्य प्रदेश का चंबल का क्षेत्र जो कभी डाकूओं का गढ़ हुआ करता था. आज वहां के छात्र देश में अपना और अपने जिले का नाम गौरवान्वित कर रहे है. प्रदेश का भिंड जिला वैसे तो विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है. लेकिन वहां के छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां प्राप्त कर रहे है. अभी यूपीएससी ने आईईएस के रिजल्ट जारी किए है. जिसमें भिंड के दो छात्रों ने टॉप किया है. उनमें राजीव देपुरिया ने मध्य प्रदेश में पहली बार आईईएस की परीक्षा में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है तो वहीं मेहगांव के रहने वाले मयंक शर्मा ने 26 वी रैंक हासिल किया है. 

जानिए सफलता की कहानी
कहते हैं, कि मेहनत सफलता की एकमात्र सीढ़ी है, यही वजह है कि छात्र जीवन में प्रशासनिक सेवा में जाना हर छात्र का सपना होता है. लेकिन बहुत कम हुनरमंद और लगनशील छात्र ऐसे होते हैं. जो अपने इस मुक़ाम को हासिल कर पाते हैं, ऐसे ही दो छात्र जिन्होंने भिंड जिले का नाम देशभर में रोशन कर दिया है. राजीव का कहना है कि वह नौकरी के साथ-साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी भी कर रहे थे. हालांकि पढ़ाई के लिए समय कम मिलता था. पर हर मिनट को किमती मानते हुए जितना भी समय मिलता था. उतना नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई को देते थे. उसका नतीजा है कि आज वह आईईएस की परीक्षा में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त कर सबको चौंका दिया है.

भाई और माता पिता को देते हैं श्रेय
राजीव जयपुरिया कहना है कि उनकी सफलता के पीछे उनके माता-पिता और भाई के साथ साथ उनके मित्रों का काफी सहयोग रहा है. हालांकि उन्होंने किसी प्रकार की कोचिंग नहीं ली और नौकरी के साथ-साथ भाई जितना भी समय मिलता था पति 2 घंटे 3 घंटे वह मेहनत से पढ़ाई करते थे. इसका नतीजा है क्या जो है सिविल सर्विसेज में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. मां मीना देवी का कहना है कि उनके बेटे ने पढ़ाई के दौरान खाने-पीने का भी ध्यान नहीं रहता था और भाई पढ़ाई में इतना मग्न रहता था कि खाना रखा ही रह जाता था कई बार लेकिन अब शुरू से ही मेहनती और लगन शीलता जिसका उसे परिणाम आज मिला है

क्या कहा प्रतियोगी छात्रों के लिए
राजीव देवरिया का कहना है कि मेहनत और लगन से आप जो भी प्राप्त करना चाहती है वह अवश्य मिलता है लिहाजा मेहनत और लगन पर अवश्य ध्यान दें. पिता का कहना है बेटा लगन शील और मेहनती शुरू से ही था यही वजह है कि आज उसे  इतनी बड़ी सफलता मिली है और परिवार के साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन किया है.

अब तक कई लोगों का हुआ सलेक्शन
गौरतलब है कि इससे पहले भी भिंड जिले ने कई IAS और IPS अधिकारी दिए हैं, फिर चाहे वह यूपीएससी एग्जाम क्रेक करने वाले भिंड जिले के बीहड़ी गांव गोरम के विकास सैंथिया हो अथवा निवसाई गांव के IAS दीपेन्द्र सिंह हो, अक़ोड़ा गांव के निवासी IAS धनंजय सिंह, पूर्व सांसद भगीरथ प्रसाद की बेटी सिमाला प्रसाद भी आज IPS अधिकारी हैं. मेहगांव की बेटी प्रियंका शुक्ला और मिनी शुक्ला का भी आईपीएस के लिए बीते सालों सिलेक्शन हुआ था, बीते साल दर साल इसी तरह फहरिस्त बढ़ रही है, और पिछले एक दशक में भिंड ज़िले में 1 दर्जन से ज़्यादा IAS और IPS अधिकारी अंचल से बने हैं, जो भिंड ज़िले का नाम देश में रौशन कर रहे हैं.

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