कुलपति से मिलने के लिए पुलिस से लेनी होगी इजाजत, चर्चा में BU का यह अजीब फरमान
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कुलपति से मिलने के लिए पुलिस से लेनी होगी इजाजत, चर्चा में BU का यह अजीब फरमान

Bhopal News: भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का एक अजीबो-गरीब फरमान चर्चा में बना हुआ है. क्योंकि यहां कुलपति से मिलने के लिए अब दो से ज्यादा छात्रों को पुलिस की इजाजत लेनी होगी. 

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय

MP News: बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का एक नोटिस इन दिनों छात्रों के बीच चर्चा में बना हुआ है. क्योंकि अगर दो से ज्यादा छात्रों को कुलपति से मिलना होगा तो फिर उन्हें इसके लिए बाग सेवानिया थान प्रभारी से इजाजत लेनी होगी. जहां पुलिस की इजाजत मिलने के बाद ही छात्र कुलपति से मुलाकात कर पाएंगे. ऐसे में यह अजीबो-गरीब फरमान चर्चा में है. क्योंकि यह नोटिस बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के गेट पर लगाया गया है. 

कुलपति ने दी सफाई 

दरअसल, विश्वविद्यालय में गुरुवार को कार्यपरिषद की बैठक थी. इस नए आदेश के तहत दो से ज्यादा छात्रों को अगर कुलपति से मिलना है तो उन्हें इस आदेश को फॉलो करना होगा. खास बात यह है कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति के दफ्तर के बाहर खुलेआम यह नोटिस लगा हुआ है. हालांकि इस मामले में कुलपति डॉ. एसके जैन ने सफाई भी दी है. उनका कहना है कि हम हर वक्त छात्रों के लिए उपलब्ध रहते हैं, जो नोटिस लगाया गया है वह टाइपिंग मिस्टेक की वजह से दिख रहा है. उसका गलत अर्थ निकाल रहे हैं. 

कुलपति ने कहा कि कई बार कई बार छात्र ऊपर आफिस में आ जाते हैं, वीसी ऑफिस में हंगामा भी हो जाता है. ऐसे में प्रदर्शन को देखते हुए यह नोटिस लगाया गया था. लेकिन जो थाना प्रभारी वाला नोटिस है वह गलत टाइपिंग की वजह से चर्चा में बना हुआ है. दरअसल, गुरुवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक थी, जिसमें छात्र संगठन एनएसयूआई ने प्रदर्शन भी किया था. 

लेकिन जिस तरह से यह आदेश चर्चा में हैं उससे यह जरूर है कि विश्वविद्यालय के प्रमुख कुलपति है कि थाना प्रभारी. वहीं अगर यह आदेश जारी रहा तो शिक्षा और अन्य समस्याओं को लेकर कुलपति से छात्रों का बात करने में समस्या हो सकती है. 

भोपाल का बड़ा विश्वविद्यालय 

भोपाल का बरकतउल्ला विश्वविद्यालय प्रदेश का बड़ा कॉलेज है, जहां भोपाल के साथ प्रदेश के कई जिलों के छात्र पढ़ने आते हैं. इसके अलावा दूसरे राज्यों के छात्र भी यहां पढ़ाई करते हैं. क्योंकि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय राजधानी का सबसे पुराना कॉलेज माना जाता है. ऐसे में यहां छात्र संगठन भी एक्टिव रहते हैं और कई बार कई मुद्दों पर प्रदर्शन की स्थिति बन जाती है. यही वजह है कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में यह आया यह नया आदेश चर्चा में हैं. हालांकि कुलपति ने इस मामले में सफाई दी है. लेकिन फिर भी यह आदेश छात्रों के बीच चर्चा का विषय तो फिलहाल बना ही हुआ है.

भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट 

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