मध्यप्रदेश के दो बड़े शहर इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रमाणी लागू हुए एक साल पूरा हो गया है. एक साल पूरे होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमिश्नर प्रणाली की समीक्षा की है. गृहमंत्री ने कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद इंदौर और भोपाल की उपलब्धियों को गिनाया है.
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भोपाल/आकाश द्विवेदी: मध्यप्रदेश के दो बड़े शहर इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रमाणी लागू हुए एक साल पूरा हो गया है. एक साल पूरे होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमिश्नर प्रणाली की समीक्षा की है. गृहमंत्री ने कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद इंदौर और भोपाल की उपलब्धियों को गिनाया है. अब इसे नरोत्तम मिश्रा ने समीक्षा के बाद कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे.
पुलिस कमिश्नर प्रणाली के 1 वर्ष पूर्ण होने पर आज भोपाल पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर डीजीपी सुधीर सक्सेना जी, भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर जी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। pic.twitter.com/xMsbGXgImU
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 9, 2022
बता दें कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने का दावा किया है कि कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से क्राइम कंट्रोल हुआ है. उन्होंने कहा आशा, सृजन और मुस्कान अभियान से पुलिस ने अपनी सामाजिक छवि बनाई है. कमिश्नरेट सिस्टम के 1 साल पूरे होने पर एक बड़ा फैसला भी लिया गया है. इस फैसले के मुताबिक इंदौर और भोपाल में अब जनता थानों की रैंकिंग तय करेगी. थाने में आने वाले लोगों से कमिश्नर फोन पर फीडबैक लेने के साथ पूछेंगे कि थाने में व्यवहार कैसा था, क्या समस्या थी. लोगों के फीडबैक के आधार पर कमिश्नर थानों की रैंकिंग तय करेंगे.
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कमिश्नर सिस्टम से क्या हासिल
गृहमंत्री ने आंकड़ा देते हुए बताया कि मुस्कान अभियान के तहत भोपाल में 12 दिन में 552 लड़कियों को वापस लाया गया है. जबकि 667 बच्चियों को इंदौर में वापस लाया गया. वहीं सिर्फ भोपाल में ही दो हजार वारंटी और अपराधी एक रात में पकड़े गए.1800 वारंटी इंदौर में एक रात में पकड़े गए है. गृह मंत्री ने बताया कि साइबर क्राइम में एक करोड 14 लाख से ज्यादा रुपये बरामद किया. इंदौर में तीन करोड़ रुपए लोगों को वापस दिलाएं. गृह मंत्री ने दावा किया है कि कमिश्नरेट लागू होने के बाद अपराधियों में खौफ आया , महिला सुरक्षा की दिशा में पुलिस ने अच्छा काम किया , बच्चियों को बैड टच गुट टच के बारे में बताया गया. संगठित अपराधों पर लगाम लगा है.
गृह मंत्री ने बताया भोपाल में 20% इंदौर में 25% अपराधों में आई कमी. बड़े और गंभीर किस्म के अपराध में 10% बरामदगी बढ़ी है. वहीं भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने बताया कि भोपाल में आदतन अपराधियों के अपराध में 50% तक कमी आई है. भोपाल पुलिस कमिश्नर ने बताया कि 2018 तक गायब बच्चों को ढूंढने में 70 दिन लगते थे, अब 12 दिन में पुलिस ढूंढ कर लाती है.
इंदौर महिला अपराधों में कमी आई
वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक इंटरव्यू में इंदौर कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा के मुताबिक पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा में कमी लाई है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पूरे साल में 60 साम्प्रदायिक दंगों की साजिश को नाकाम कर दिया. इसके अलावा महिलाओं की छेड़छाड़ की शिकायतों में साल के शुरू में काफी इजाफा हुआ था लेकिन बाद में इसमें कमी आ गई है.