आकाश द्विवेदी/भोपाल: करीब नौ साल से बन रहे राजधानी भोपाल का मास्टर प्लान बनकर तैयार हो गया है. संभावना जताई जा रही है इसे इसी साल लागू किया जा सकता है. राजधानी भोपाल के मास्टर प्लान को साल 2031 कर पूरा करने का करने का लक्ष्य है, जबकि इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर समेत अन्य 28 शहरों के मास्टर प्लान साल 2035 को ध्यान में रखकर तैयार किये जा रहे हैं.


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समुचित विकास प्राथमिकता
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि भोपाल का प्लान लगभग तैयार है. इंदौर के मास्टर प्लान पर भी तेजी से काम कर रहे हैं. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जल्द ही मास्टर प्लान आएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नॉर्म के हिसाब से काम होंगे. यातयात और ग्रीन बेल्ट को लेकर गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है. शहरों का समुचित विकास सरकार की प्राथमिकता है.


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2005 में बना था आखरी मास्टर प्लान
भोपाल में पिछले 16 साल से मास्टर प्लान नहीं बना है. साल 2005 में जो मास्टर प्लान बना था, उसके अनुसार ही 2021 तक शहर का विकास किया गया. नए मास्टर प्लान लागू होने से सुनियोजित तरीके से शहरों का विकास होगा. अब सुनियोजित विकास के हिसाब से लागू होने जा रहे मास्टर प्लान में लैंड यूज, पाइपलाइन, सीवरेज, टेलीफोन लाइन और बैंक-एटीएम जैसी सुविधाओं का भी जिक्र होगा.


जनगणना के हिसाब से तैयार हुआ प्लान
इस बार सारे नए प्लान में अस्पताल, स्कूल, खेल मैदान, कॉलेज, पुलिस, थाना पार्किंग, सीवरेज, ड्रेनेज, पेयजल, टेलीफोन, सड़क के लिए मानक तय होंगे. केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार भविष्य के शहरों का मास्टर प्लान जनगणना के हिसाब से तैयार करने की है.


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