MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी की इस लिस्ट में 39 नाम हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि BJP ने ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक उस पूर्व विधायक का भी टिकट काट दिया, जिसने कांग्रेस में रहते हुए भाजपा के मंत्री को भी हरा दिया था.
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MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. भाजपा की इस लिस्ट में 39 नाम हैं. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होकर सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक और पूर्व विधायक का भी टिकट काट दिया है. मजेदार बात तो ये है कि यह वही पूर्व विधायक हैं, जिसने 2018 में कांग्रेस में रहते हुए भाजपा के पूर्व मंत्री तक को हरा दिया था.
बीजेपी की ओर से जारी की गई 39 कैंडिडेट की लिस्ट में 2 नाम ऐसे हैं, जो हैरान करने वाले हैं. पहला 2020 के फेरबदल में सिंधिया के साथ विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए एदल सिंह कंसाना का नाम है. बीजेपी ने कंसाना पर एक बार फिर से दांव लगाया है. उन्हें 2020 उपचुनाव में सुमावली से टिकट दिया गया था. हालांकि, बीजेपी में आने के बाद उन्हें हार का सामना करना पड़ा. कंसाना 2008 और 2018 में कांग्रेस में रहते हुए चुनाव जीते थे.
इस नेता का कट गया पत्ता!
लिस्ट में दूसरा नाम, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य का है. आर्य को भिंड की गोहद विधानसभा सीट से टिकट दिया है. इस सीट से बीजेपी ने सिंधिया समर्थित नेता रणवीर जाटव का टिकट काट दिया. रणवीर जाट ने 2018 में कांग्रेस में रहते हुए पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को हरा दिया था. हालांकि, 2020 में कांग्रेस के मेवाराम जाटव ने रणवीर को हरा दिया था. अब विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट भी काट दिया है. इस प्रकार कहा जा सकता है कि बीजेपी शामिल होने के बाद रणवीर जाटव के बुरे दिन शुरू हो गए.
कौन है लाल सिंह आर्य, BJP जिस पर फिर लगाया दांव
लाल सिंह आर्य ग्वालियर-चंबल की राजनीति का बड़ा नाम हैं. आर्य भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. लाल सिंह आर्य इसी सीट से 3 बार विधायक रह चुके हैं. वे भाजपा सरकार में 2 बार मंत्री भी रह चुके हैं. 5 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके आर्य को भाजपा ने 5वीं बार मैदान में उतारा है. बता दें कि मध्य प्रदेश में 2018 में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी, लेकिन असंतुष्ट ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 15 महीने बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वे अपने 22 विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे. रणवीर जाटव भी उन्हीं 22 विधायक में से एक थे.