Navratri Kanya Pujan: कब है नवरात्रि का पारण, जानिए कन्या पूजन व कलश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1628496

Navratri Kanya Pujan: कब है नवरात्रि का पारण, जानिए कन्या पूजन व कलश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि का आज छठवां दिन है. आज के दिन मां कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन मां के भक्त कलश स्थानपा (Kalash Sthanapa) कर नौ दिनों का उपवास रखकर मां दुर्गा की पूजा आराधना करते हैं.

Navratri Kanya Pujan: कब है नवरात्रि का पारण, जानिए कन्या पूजन व कलश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri Kanya Pujan Shubh Muhurat: चैत्र नवरात्रि का आज छठवां दिन है. आज के दिन मां कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन मां के भक्त कलश स्थानपा (Kalash Sthanapa) कर नौ दिनों का उपवास रखकर मां दुर्गा की पूजा आराधना करते हैं. इसके बाद नौवें दिन कलश विसर्जन (kalash visarjan) करने के बाद कन्याओं का पूजन (Kanya Pujan) कर उन्हें भोजन कराकर पारण (paran) करते हैं. नवरात्रि व्रत में कन्या पूजन और पारण का विशेष महत्व है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कब किया जाएगा कलश स्थापना और कब है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त?

कन्या पूजन शुभ मुहूर्त
नवरात्रि व्रत में कन्या पूजना का विशेष महत्व है, कुछ लोग कन्या पूजन अष्टमी तिथि में करते हैं तो कुछ लोग नवमी तिथि में, ऐसे में आप दोनों की तिथि पर कन्या पूजन कर सकते हैं. अष्टमी तिथि 29 मार्च को पड़ रही है. ऐसे में अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 02 मिनट से रात्रि 09 बजकर 07 मिनट तक है. वहीं इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी. नवमी तिथि पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को 06 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 11 बजकर 45 मिनट तक है. 

नवरात्रि व्रत का पारण टाइम
नवरात्रि व्रत का पारण कन्या पूजन करने बाद कलश विसर्जन करके किया जाता है. अगर आप अष्टमी तिथि में कन्या पूजन करते हैं तो आप 29 मार्च को ही कन्या पूजन और कलश विसर्जन के बाद पारण कर सकते हैं. यदि आप नवमी तिथि में कन्या पूजन करते हैं तो आप इस दिन कन्या पूजन और कलश विसर्जन के बाद पारण कर सकते हैं. 

कन्या पूजन विधि
नवरात्रि का व्रत बिना कन्या पूजन के पूर्ण नहीं माना जाता है. कन्या पूजन में 10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं का पूजन करके भोजन कराना चाहिए. जिस दिन भी आप कन्या पूजन करना चाहते हैं सर्वप्रथम मां दुर्गा की आरधना करें. इसके बाद कन्याओं को बुलाएं और आसन पर उन्हें बिठाएं. इनका चरण धुलते हुए मां दुर्गा का स्वरुम मानकर उनकी पूजा करें. इसके बाद उन्हें हलवा, चना और पूड़ी का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद उन्हें सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा वस्त्र देकर विदाई करें. इसके बाद खुद पारण करें. 

ये भी पढ़ेंः Chaitra Navratri 2023: इस दिन रखा जाएगा दुर्गा अष्टमी का व्रत, जानिए कब है रामनवमी?

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है. )

Trending news