चुनाव से पहले आदिवासियों को अपना बनाने के लिए कांग्रेस का मास्टर प्लान, अब मध्यप्रदेश जोड़ने की तैयारी!
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चुनाव से पहले आदिवासियों को अपना बनाने के लिए कांग्रेस का मास्टर प्लान, अब मध्यप्रदेश जोड़ने की तैयारी!

Sidhi News:  सीधी पेशाब कांड के बाद लगातार प्रदेश में आदिवासियों के साथ अत्याचार के मामले सामने आए, जिसका असर कहीं न कहीं आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा.

 

चुनाव से पहले आदिवासियों को अपना बनाने के लिए कांग्रेस का मास्टर प्लान, अब मध्यप्रदेश जोड़ने की तैयारी!

प्रमोद शर्मा/सीधी: सीधी में हुए पेशाब कांड के बाद से लगातार अलग-अलग तरीकों से कांग्रेस आदिवासियों को साधने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने सीधी से आदिवासी स्वाभिमान यात्रा की शुरुआत कर दी है.आज सीधी विधानसभा के गांधी ग्राम के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बंका बैगा के समाधि स्थल से इस यात्रा की शुरुआत की गई है, जिसका समापन 7 अगस्त को झाबुआ में होगा.

आदिवासियों को साधने में जुटी हुई है कांग्रेस
मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस हर वर्ग के साथ ही आदिवासियों को साधने में जुटी हुई है. कांग्रेस ने आदिवासियों को साधने के लिए बड़ा प्लान बनाया है. सीधी में हुए पेशाब कांड को कांग्रेस मुद्दा बनाकर आदिवासियों को साधकर आगामी विधानसभा चुनाव में इस कांड का फायदा उठाना चाह रही है. बुधवार से कांग्रेस द्वारा सीधी से स्वाभिमान यात्रा की शुरआत की गई. कांग्रेस अनुसूचित जनजाति विभाग के अध्यक्ष रामू टेकाम और युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली जा रही है. 

इतने दिन चलेगी यात्रा 
इस यात्रा की शुरुआत में पूर्व मंत्री ओमकार सिंह और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल भी शामिल हुए. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बंका बैगा के समाधि स्थल पर उनकी प्रतिमा पर माला पहनाकर इस यात्रा की शुरुआत की गई. बाइक रैली के रुप में पार्टी कार्यालय पहुंची जहां पर इस यात्रा का स्वागत किया गया. बता दें कि मध्य प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों के करीब 38 विधानसभा से यह आदिवासी स्वाभिमान यात्रा गुजरेगी. यात्रा के दौरान कांग्रेस के आदिवासी नेता जनता से उनकी समस्याओं के बारे में चर्चा करेंगे. प्रदेश में आदिवासियों पर हुए अत्याचार के बारे में समाज को बताया जाएगा. यह यात्रा 20 दिन तक चलेगी. आदिवासी स्वाभिमान यात्रा एक दिन में दो विधानसभा से गुजरेगी.

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गौरतलब है कि सीधी पेशाब कांड के बाद लगातार प्रदेश में आदिवासियों के साथ अत्याचार के बैक टू बैक मामले सामने आए, जिसका असर कहीं न कहीं आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा. इसी बात को भांपते हुए अब कांग्रेस ने भी अपना फोकस आदिवासियों पर मोड़ लिया है.

 

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