सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का 1688 करोड़ बकाया, नहीं हो पा रही वसूली
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सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का 1688 करोड़ बकाया, नहीं हो पा रही वसूली

अब मध्य प्रदेश सरकार के 1 दर्जन से ज्यादा ऐसे सरकारी विभाग हैं. जिन पर करोड़ों रुपए का बिजली बिल बकाया है. 

सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का 1688 करोड़ बकाया, नहीं हो पा रही वसूली

भोपाल: बिजली विभाग अक्सर अपने बकायादारों द्वारा बिल जमा नहीं होने पर वसूली के लिए परेशान होता रहा है. लेकिन क्या हो जब करोड़ों का भुगतान बाकी हो और विभाग कड़ाई दिखाकर वसूली भी नहीं कर सके? ऐसा ही कुछ राजधानी में देखने को मिला, यहां सरकारी विभागों पर करीब 1668 करोड़ का बिजली बिल बाकी है. जिसे वसूलने में बिजली विभाग के पसीने छूट रहे हैं. बकायादारों की लिस्ट में अर्बन एडमिनिस्ट्रेशन डेवलपमेंट पर 811 करोड रुपए से ज्यादा का बिजली बकाया है जो टॉप पर हैं.

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बता दें कि आम आदमी का बिजली बिल थोड़ा बड़े तो बिजली विभाग कनेक्शन कट कर देता है पर ऐसा सरकारी विभागों के साथ कतई नहीं होता. अब मध्य प्रदेश सरकार के 1 दर्जन से ज्यादा ऐसे सरकारी विभाग हैं. जिन पर करोड़ों रुपए का बिजली बिल बकाया है. इस वजह से बिजली बिल का समय से भुगतान नहीं करने से बिजली कंपनियां की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है.

जानिए किस पर कितना बकाया बिजली बिल
सरकारी विभागों के बकाया बिल बिल पूर्व, मध्य और पश्चिम बिजली कंपनियों के आंकड़े चौंकाने वाले है. ये सभी आंकड़े सभी सरकारी विभागों के बिजली बिल से लिए गए है.

1. अर्बन एडमिनिस्ट्रेशन डेवलपमेंट पर 811 करोड रुपये बकाया.
2.  पंचायत एवं रूरल डेवलपमेंट पर तीनों कंपनियों बिजली कंपनियों का कुल मिलाकर 612 करोड रुपए से ज्यादा बिजली बिल भुगतान पेंडिंग है.
3. पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग - 29 करोड़ रुपये बकाया
4. एनवीडीए- 82 करोड़  रुपये बकाया.
5. स्कूल एजुकेशन - 40 करोड़ से ज्यादा रुपये बकाया
6.  कृषि विभाग - 4 करोड़ से ज्यादा रुपये बकाया
7. वन विभाग - 5 करोड़ से अधिक रुपये बकाया
8. पब्लिक हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर - 12करोड़ से अधिक
9. शेड्यूल कास्ट एंड शेड्यूल्ड ट्राइब वेलफेयर 10 करोड़ से अधिक रुपये बकाया
10. रेवेन्यू - 5 करोड़ से अधिक रुपये बकाया
11. पीडब्ल्यूडी विभाग - 4 से करोड़ से अधिक रुपये बकाया
12.  हायर एजुकेशन - पोने दो करोड़  रुपये बकाया.
13. अन्य सरकारी डिपार्टमेंट - 34 करोड़ से अधिक बिल भुगतान पेंडिंग है.

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विघुत कंपनी पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा
सरकारी विभागों को पूर्व, मध्य और पश्चिम विद्युत वितरण कंपनियों का 1668 करोड रुपए से अधिक बिजली बिल पेंडिंग है. हैरत की बात तो यह है कि पिछले कुछ समय से बिजली बिलों का भुगतान नहीं हुआ. जिसके चलते बिजली बिल की राशि भारी भरकम हो गयी है. विद्युत वितरण कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. गौर करने वाली बात यह है कि आम आदमी यदि बल समय से भुगतान ना करें तो उस पर सख्ती दिखाते हुए बिजली विभाग पोस्टर लगाने का काम शक्ति से बिजली बिल वसूली जैसे कदम उठाए जाते हैं पर विभागों पर भारी-भरकम बिजली बिल की राशि डीयू होने के बावजूद भी बिजली कंपनियां मजबूर नजर आ रही है.

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